बरेली, संवादपत्र । सेना के बाद सरकारी बैंकों में भी स्थाई नौकरी पाने के युवाओं के सपने पर आने वाले समय में ग्रहण लगने के आसार हैं। कम खर्च में ज्यादा जरूरतें पूरी करने की नई नीति के तहत इन बैंकों में स्थाई स्टाफ की छंटनी के बाद अप्रेंटिस भर्तियों का नया चलन शुरू होने जा रहा है।
चार साल पहले भारतीय स्टेट बैंक की ओर से यह पहल की गई थी, जिसके बाद अब पंजाब नेशनल बैंक ने भी अप्रेंटिस भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। बैंक संगठनों ने इस योजना को ‘बैंक वीर भर्ती’ करार दिया है।
अप्रेंटिस भर्ती योजना से बैंक संगठनों में नीचे से ऊपर तक भारी हलचल है। कहा जा रहा है कि इसी योजना की वजह से सरकारी बैंक काफी समय से स्थाई भर्तियां घोषित नहीं कर रहे हैं। अब अप्रेंटिस भर्तियों का सिलसिला शुरू होने के बाद नियुक्ति नीतियों में भारी बदलाव के साथ स्थाई स्टाफ की छंटनी और तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्थाई कर्मचारियों की जगह अस्थाई और अनुबंधित कर्मचारियों की नियुक्ति की इस नीति को भारतीय स्टेट बैंक के प्रस्ताव पर रिजर्व बैंक की 2020 में मंजूरी मिलने के बाद बरेली में पहला बैच 2021 में आया था। इसके तहत यहां 22 अनुबंधित कर्मचारियों को तैनाती दी गई थी।
इसके बाद तीन साल तक कोई दूसरा बैच तैनात नहीं किया गया लेकिन अब हाल ही में 12 और अनुबंधित कर्मचारियों को स्टेट बैंक बरेली में तैनाती दी गई है। बताया जा रहा है कि इनमें से अभी छह-सात लोगों ने ही ज्वाइन किया है। स्टेट बैंक के बाद अब पंजाब नेशनल बैंक की ओर से भी अप्रेंटिस भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
तीन साल के लिए होंगे नियुक्त, सिर्फ 15-16 हजार होगा वेतन
अप्रेंटिस भर्तियों की योजना के तहत बैंक अपनी शाखाओं में अप्रेंटिस के रूप में काम करने के लिए युवाओं की नियुक्ति करेंगे जो बैंक के प्रबंधन, ग्राहक सेवा, इंटरनल ऑडिट और ऐसी ही कई और गतिविधियां संभालेंगे। सिर्फ कैश के लेनदेन से उन्हें अलग रखा जाएगा। अप्रेंटिस कर्मियों की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए होगी, इसके बाद उनका कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाएगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक इन कर्मचारियों को 15-16 हजार रुपये का मासिक वेतन दिया जाएगा।
दावा: बंद हो जाएंगी क्लर्क भर्तियां
पंजाब नेशनल बैंक स्टाफ एसोसिएशन के चेयरमैन दिनेश सक्सेना का कहना है कि अब तक बैंकों में तमाम कामों के लिए क्लर्कों की भर्ती आईबीपीएस के तहत की जाती थी, अब अप्रेंटिस भर्ती योजना शुरू होने के बाद इस भर्ती पर रोक लगा दी जाएगी। इससे बैंकों में स्थाई कर्मचारियों की संख्या में काफी कम हो जाएगी।
बैंककर्मी बोले- ये स्थाई कर्मचारियों के साथ धोखा
बैंकों की ओर से अप्रैंटिंस भर्ती स्थाई कर्मियों के साथ किया गया धोखा है। बैंक मैनेजमेंट स्थायी कर्मचारियों की भर्ती न करके इन अप्रेंटिस से काम करवाना चाहता है जो कि घातक हो सकता है। यदि बैंक अधिकतर अप्रेंटिस को ही काम पर रखता है, तो स्थायी कर्मचारियों की भर्तियों में कमी आ सकती है, जिससे रोजगार की स्थिरता प्रभावित हो सकती है। -विनायक माहेश्वरी
देश में बेरोजागरी दर लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बैंकों की ओर से किए जा रहे बैंक वीर भर्ती से तीन साल बाद उनके भविष्य के बारे में चिंता करना भी आवश्यक है। तीन साल नौकरी करने के बाद भी वे अपने परिवार का पालन पोषण सुचारु रुप से नहीं कर पाएंगे। -रमीज अली
बैंक संगठन की ओर से लगातार इसका विरोध जताया जा रहा है। बैंक गंभीर फाइनेंस का काम है। कुछ साल बाद नौकरी जाते देख तमाम घोटाले भी हो सकते है। जिससे बैंकों की गोपनियता भंग हो सकती है। अभी अप्रेंटिस की सीमा तीन साल है। भविष्य में ये फिर घटकर एक साल हो सकती है। तब अधिक खतरा रहेगा।