बरेली संवादपत्र । कहने को हाउस टैक्स का बिल निकलवाने और उसमें सुधार कराने से लेकर जमा करने तक की सुविधा घर बैठे उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है लेकिन असल में इसके लिए शहर के लोगों को कई-कई दिन नगर निगम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बिल में गड़बड़ी ठीक कराने में ही एक सप्ताह से दस दिन तक का समय लग रहा है। इसके लिए बार-बार टैक्स विभाग के ऑफिस आकर पूछताछ भी करनी पड़ रही है। जीआईएस सर्वे के बाद हाउस टैक्स जमा कराने की व्यवस्था को पटरी पर लाने में टैक्स विभाग हांफ रहा है। जो योजना थी, वह धरातल पर उतरते ही धड़ाम हो गई है। करीब ढाई महीने का समय विवादों के भेंट चढ़ गया है
जबकि नए साफ्टवेयर पर वेबसाइट को जब लांच करते वक्त दावा किया गया था अब हाउस टैक्स देने वालों को काफी सुविधा होगी और वे मार्च 2024 तक उस पुरानी व्यवस्था से मुक्त हो जाएंगे जिसमें उन्हें नगर निगम में घंटों लाइन लगानी पड़ती थी। यहां तक कहा गया था कि लोगों को हर वार्ड में टैक्स जमा करने की सुविधा भी दी जाएगी। इसके बाद जब नई टैक्स प्रणाली लागू हुई तो बिलों में गलतियों की भरमार से इन दावों की धज्जियां उड़ गईं। कई दिन तक रोज सौ के पार आपत्तियां आने और उनमें से 30 से 35 का ही निस्तारण किए जाने का सिलसिला बना रहा। पिछले 10 दिन में करीब 14 सौ आपत्तियां आई हैं जिनमें से एक का निस्तारण नहीं हो पाया है। स्वकर फार्म कर जमा करने वाले लोगों भी बुरी तरह जूझना पड़ रहा है। हाल यह है कि जमा किए गए फार्म का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। इसके बाद उसे कंप्यूटर पर अपडेट करने में सात से दस दिन का समय लग रहा है। इसके लिए तीन कर्मचारियों को 2.28 लाख भवनों की जिम्मेदारी दी गई है। लंबी प्रक्रिया के बाद बिल को ठीक करने में इन कर्मचारियों को इतना समय लग रहा है कि लोग परेशान हैं।
शहदाना निवासी इमरान ने बताया कि उन्होंने दस दिन पहले आपत्ति दर्ज कराई थी, तीन बार आकर तगादा किया तो अब किसी तरह बिल ठीक हुआ है। कटरा चांद खां के रहने वाले सुरेश कुमार ने बताया कि तीन गुना बिल आने पर आपत्ति की थी लेकिन पांच दिन बाद भी सुधार नहीं हुआ है। सिविल लाइंस के सुमित और सिकलापुर के अमित ने बताया कि पुराना जमा करने के बाद बकाया दिख रहा है। इस गड़बड़ी को ठीक कराने के लिए दस दिनों से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अब तक बिल ठीक नहीं हो पाया है।
हर वार्ड में टैक्स जमा करने की नहीं हो पाई व्यवस्था
हर वार्ड में कर्मचारियों को भेजकर हाउस टैक्स जमा कराने और बिल पहुंचाने की व्यवस्था करने की योजना बनाई गई थी। एक बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र पर भी टैक्स जमा कराने के लिए कहा गया था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि लोग डिजिटल भुगतान कर रहे हैं लेकिन उनके पास शून्य बिल नहीं दिख रहा है। नगर निगम की वेबसाइट पर पुराना बिल ही दिखा रहा है। इसके कारण लोगों को फिर नगर निगम आना पड़ रहा है।
आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। प्रयास है कि जल्द निराकरण हो जाए लेकिन अभी समय लग रहा है। आने वाले समय में पूरी तरह ठीक हो जाएगा। लोगों को परेशान न होना पड़े, इसका ख्याल रखा जा रहा है।