बरेली, संवादपत्र । कहानी, उपन्यास और आत्मकथा तो कई लोग लिखते हैं, लेकिन उसे किताब का रूप नहीं दे पाते हैं। बीटेक छात्रा तुलसी सिंह ऐसे लेखकों की समस्या हल करने वाला एप तैयार कर रही हैं। उन्होंने एप को लेकर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) में रजिस्ट्रेशन करा लिया है।
भोजीपुरा के गांव नगरिया कला निवासी एवं राजश्री इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से सिविल ब्रांच से बीटेक अंतिम वर्ष की छात्रा तुलसी सिंह ने एप बनाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने इस एप का नाम ओजो (खुशबू ) तलब ओपन हाउस रखा है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में काम करेगा।
तुलसी के अनुसार यह पढ़ाई लिखाई के साथ छात्र-छात्राओं की अन्य गतिविधियों जैसे स्वरचित कविताएं, लघु कथाएं अथवा पुस्तक के प्रकाशन में मददगार साबित होगा। वह बताती हैं कि ओपन हाउस इवेंट को ऑर्गेनाइज कराने में आवश्यक जानकारी पब्लिकेशन हाउस में उपलब्ध रहती हैं। इसमें ऐसे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई लिखाई से इतर अपनी एक अलग पहचान बनाने में मदद मिलेगी, जोकि करियर निर्माण की दिशा में एक नए आयाम के रूप में सहायक साबित हो सकती है।
बताया कि कॉलेज में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान एक प्रस्तुति के बाद चेयरमैन तूलिका और एकेडेमिक एडवाइजर रोहन बंसल ने प्रोत्साहित किया। इससे उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिला। उनका कहना है कि कहानी और उपन्यास लिखने के बाद लोगों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत उसे किताब के रूप में प्रकाशन होता है। इसके लिए उन्हें उचित संस्थान नहीं मिलते हैं। अब ऐसे लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। वह कहानी या उपन्यास उन्हें सौंप कर निश्चित हो सकते हैं। प्रकाशन की जिम्मेदारी वह निभाएंगी।
50 किताबों के रंगीन डिजाइनर कवर पेज तैयार
तुलसी बताती हैं कि अभी राजश्री हैंडीक्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाकर एप का रजिस्ट्रेशन कराया है। इंस्टीट्यूट ने ही वेबसाइट निर्माण में सहयोग किया है। एप निर्माण का काम साफ्टवेयर टीम कर रही है। उनकी टीम में उनके अलावा ग्राफिक्स डिजाइनर भी हैं। कॉलेज ग्रुप और खुद इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर एप का प्रचार कर रही हैं। अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 50 किताबों के रंगीन डिजायनर कवर पेज तैयार किए हैं।