बरेली, संवादपत्र । आरटीओ में जिलाधिकारी ने बृहस्पतिवार को छापा मारा तो अफरा-तफरी मच गई। कार्यालय का गेट बंद कराकर 13 संदिग्धों को पकड़ा गया। जांच में पाया गया कि दो दलाज फर्जी शपथ पत्र तैयार कर अवैध वसूली कर रहे थे। एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार ने चार दलालों के खिलाफ थाना कैंट में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
आरटीओ में दलाली की कई शिकायतें जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के पास पहुंची थीं। जिलाधिकारी ने बृहस्पतिवार को आरटीओ में दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए योजना बनाकर टीम तैयार की। वह सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला, अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय राजेश चंद्रा, नायब तहसीलदार विदित कुमार सहित कई मजिस्ट्रेट, तहसील के कई राजस्व कर्मचारी, पुलिस के जवानों के साथ कई गाड़ियों से दोपहर करीब 1 बजे आरटीओ पहुंचे।
काफिले में शामिल कई गाड़ियां कार्यालय के अंदर तो कई बाहर खड़ी हो गईं। आनन-फानन में आरटीओ कार्यालय का मुख्य गेट बंद कराया गया तो लोग इधर-उधर भागने लगे। टीमों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। कार्यालय परिसर में जितने भी लोग मिले सभी को एक लाइन में खड़ा किया गया। जिलाधिकारी ने सभी से आरटीओ आने का कारण पूछा और उनके दस्तावेजों को जांचा।
करीब 1 घंटे तक पूछताछ के बाद मौके से 13 लोगों को संदिग्ध मानकर कई गाड़ियों से थाना कैंट भेजा गया। पूछताछ और जांच से पता चला कि दो लोग अवैध तरीके से धन अर्जित करने के लिए गलत काम कर रहे थे, जबकि बाकी लोग अपने कार्य से आए थे तो उन्हें जाने दिया गया।
सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने बताया कि किला क्षेत्र के छीपी टाेला निवासी अफजाल हैदर के पास नोटरी की मोहर लगे हुए और नोटरी के हस्ताक्षर वाले करीब 70 ई-स्टांप पेपर मिले हैं जिन पर शपथ पत्र का प्रारूप छपा था, लेकिन शपथकर्ता की कोई जानकारी नहीं थी। जबकि नकटिया निवासी सुनील शर्मा की दुकान में कई वाहन स्वामियों के कागजात और आरटीओ के लिए अलग-अलग तरह के आवेदन प्रारूप पाए गए।
पूछताछ में दोनों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका। सिटी मजिस्ट्रेट के मुताबिक इससे स्पष्ट है कि दोनों आरटीओ आने वाले लाेगों से पैसे लेकर कार्य करा रहे थे और फर्जी शपथ पत्र भी तैयार करते थे। एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई।
पकड़े गए लोगों को ले जाने में करनी पड़ी मशक्कत
छापेमारी के दौरान पकड़े गए लोगों को गाड़ियों से थाने ले जाने में मजिस्ट्रेट और पुलिस के जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कोई गाड़ी में आसानी से बैठ नहीं रहा था तो कोई खुद को बेकसूर बता रहा था। कई लोगों को थाने भेजने के बाद पुलिस की जीप में कुछ लोगों को कार्यालय के बाहर बिठाया गया। इसके बाद एक और व्यक्ति को ले जाया जा रहा था, तभी उसका परिचित आ गया और उसने विरोध किया तो उसे भी जबरन गाड़ी में डालकर ले जाया गया।
काम लटकाने वाला और पैसे मांगने वाला कोई बाबू है क्या…
छापेमारी के दौरान डीएम ने आरटीओ के सभी कर्मचारियों को बाहर बुलाया। हाजिरी रजिस्टर चेक किया, हालांकि हस्ताक्षर करने वाले सभी लोग मौके पर मौजूद मिले। इसके बाद डीएम ने कार्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने एआरटीओ से पूछा भी कि कोई ऐसा बाबू तो नहीं है जो कामों को लटकाता है और पैसे की मांग करता है। कोई हो तो नाम बताइए। एआरटीओ ने कहा कि ऐसा कोई नहीं है। सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं।
आरटीओ के पास में खाली प्लाट पर चल रही हैं दलालों की दुकानें
आरटीओ के पास दलाली करने वालों की दुकानें चल रहीं हैं। एक खाली पड़े प्लाट पर लाइन से कई पक्की दुकानें बना ली हैं। छापेमारी के दौरान डीएम ने यहां भी पहुंचे। यहां लोहे के बडे़ से गेट में ताला लगा हुआ था। अंदर झांककर डीएम ने देखा तो दुकानें दिखी। मौके से ही उन्होंने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता को फोन कर कहा कि शाम तक बताएं कि यहां पर जो कनेक्शन हैं क्या वे वैध या अवैध हैं। बोले कि अगर अवैध हैं तो क्या करना है आपको पता है, हमें बताने की जरूरत नहीं है। प्लाट किसका है, इसकी भी जानकारी मांगी है। सूत्र बताते हैं कि यह प्लाट किसी अफसर का है।
सिफारिश करने वालों के नाम हमें बता देना
छापेमारी की कार्रवाई के बाद डीएम यहां से निकल रहे थे, तभी उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट और अपर नगर मजिस्ट्रेट से कहा कि मामले में अगर कोई सिफारिश करता है तो हमें उसके नाम बता देना। अगर हमारे पास किसी का फोन आता है तो हम बात कर लेंगे।
आरटीओ परिसर में संदिग्धों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश अधिकारियों को दिए गए हैं। आगे भी इस तरह की कार्रवाई होती रहेगी। कार्यालय के पास एक मकान के बारे में आरटीओ से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद बीडीए से कार्रवाई कराई जाएगी।