बजाज आईपीओ:- क्या सच है यूपीआई के जरिए पेट्रोलिंग करने वालों को बजाज हाउसिंग फाइनेंस आईपीओ नहीं मिला? क्या है मामला।

By Sanvaad News

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Bajaj IPO: –क्या आपने भी बजाज हाउसिंग फाइनेंस के आईपीओ में पैसा लगाया था? अगर हां तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, उन निवेशकों को यह आईपीओ नहीं मिला, जिन्होंने UPI के जरिए पेमेंट किया था, जबकि नेटबैंकिंग के इस्तेमाल से पेमेंट करने वाले ज्यादातर निवेशकों को शेयर एलॉट हुए थे. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला ।

Bajaj IPO: आजकल लोगों में आईपीओ को लेकर काफी क्रेज देखा जा रहा है. वहीं, बाजार में भी आए-दिन कोई न कोई कंपनी अपना आईपीओ लाती रहती है. हाल ही में इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिस्ट हुआ है. इसकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 114 प्रतिशत प्रीमियम पर हुई. 6,560 करोड़ रुपये के आईपीओ को 67 गुना अधिक का सब्सक्रिप्शन मिला. आईपीओ की बोली लोगों ने UPI अकाउंट और नेट बैंकिंग के जरिए की थी।

लेकिन इस बीच खबर आई है कि उन निवेशकों को यह आईपीओ नहीं मिला, जिन्होंने UPI के जरिए पेमेंट किया था,जबकि नेटबैंकिंग के इस्तेमाल से पेमेंट करने वाले ज्यादातर निवेशकों को शेयर एलॉट हुए थे।ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

14 लाख से ज्यादा एप्लीकेशन हुए रिजेक्ट

इकोनॉमिक्स टाइम्स पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, UPI के इस्तेमाल से पेमेंट करने वाले 14 लाख से अधिक निवेशकों के एप्लीकेशन को रद्द कर दिया गया. इसके पीछे की वजह टेक्निकल ग्लिच बताया जा रहा है. वहीं, नेटबैंकिंग के जरिए भुगतान करने वालों का एप्लीकेशन एक्सेप्ट हो गया. इस आईपीओ के लिए कुल 89.07 लाख बोली लगाई गई थी ।

इसके पीछे कारण ये भी हो सकता है कि आईपीओ के लिए UPI से पेमेंट करने पर प्रोसेसिंग में टाइम लग जाता है जबकि नेटबैंकिंग के जरिए यही काम चुटकियों में हो जाता है।

114 प्रतिशत प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयर

बजाज हाउसिंग फाइनेंस का आईपीओ 9 सितंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था, जबकि 13 सितंबर को बोली बंद हुई थी. 14 सितंबर को शेयरों का एलाटमेंट किया गया और 16 सितंबर को यह 114 प्रतिशत प्रीमियम पर लिस्ट हुआ. लिस्टिंग के बाद से बजाज हाउसिंग फाइनेंस का स्टॉक 188 रुपए के हाई पर जा चुका है. हालांकि, प्रॉफिट बुकिंग के चलते शेयर में आज गिरावट देखने को मिल रही है. आज के स्टॉक 6 फीसदी की गिरावट के साथ 162 रुपए के भाव पर कारोबार कर रहा है।

आईपीओ के रजिस्ट्रार ने क्या कहा?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में आईपीओ के रजिस्ट्रार और केफिन टेक्नोलॉजीज के कॉरपोरेट रजिस्ट्री के मुख्य व्यवसाय अधिकारी गिरिधर के हवाले से बताया गया कि रिजेक्ट का एक महत्वपूर्ण कारण यूपीआई से संबंधित मुद्दे हैं, जो मुख्य रूप से विफल मैंडेट के कारण हैं, या तो निवेशक की गैर-स्वीकृति या तकनीकी गिरावट के कारण. इसके अलावा, कई अस्वीकृतियां तब हुईं जब निवेशकों द्वारा शुरू किए गए यूपीआई मैंडेट एनपीसीआई को भेजे गए, लेकिन एनपीसीआई या प्रायोजक के अंत में विफल हो गए. कंपनी ने 78.91 लाख आवेदन पूर्ण और वैध माना है, जबकि 74.46 लाख आवेदन इस इश्यू में शेयर प्राप्त करने के पात्र थे।

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