बांदा, संवाद पत्र । बांदा की शहजादी अबूधाबी की जेल में बंद है. शहजादी को अपने घरवालों से बात करने की छूट दी गई है और शहजादी ने अपने पिता को फोन करके बताया और वहां की कोर्ट के आदेश भी भेजे हैं, जिससे यह पता चला कि इसी महीने यानि 21 सितंबर को शहजादी को सजा मौत देने का समय मुकर्रर कर दिया गया था, लेकिन पिता द्वारा दया याचिका लगाई जाने पर अब 29 तारीख मुकर्रर की गई है कि उसे फांसी दी जाए या फिर दया से माफी।
उत्तर प्रदेश के बांदा के एक गांव की रहने वाली शहजादी को दुबई में फांसी दी जाएगी. ये पहले 21 सितंबर को दी जानी थी, लेकिन वादी यानि शहजादी के पिता शब्बीर के वकील ने दया याचिका दाखिल की है, जिस पर दुबई की शीर्ष अदालत और यूएई के प्रशासन व शासन ने 29 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है. 29 को फैसला आएगा कि माफी दी जाए या शहजादी को फांसी पर लटका दिया जाएगा. संयुक्त अरब अमीरात यूएई की अबू धाबी जेल में कैद यूपी के बांदा की के रहने वाली दिव्यांग शहजादी को 21 सितंबर को फांसी की सजा दी जाएगी।
यूएई की कोर्ट ने 21 सितंबर को शहजादी को फांसी के फंदे पर लटकाने का वक्त मुकर्रम कर दिया था. फांसी की सजा पायी शहजादी के बूढ़े माता-पिता ने रो-रो कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी बेटी को बचाने के लिए दुबई तक पहुंच गए और फांसी की माफी के लिए फरियाद कर रहे हैं. भारत सरकार ने घरवालों के माध्यम से वहां पर दया माफी की अर्जी लगवाई है.
फेसबुक पर मिले एक शख्स से हुआ प्यार
बांदा के मटौंध थाना के गोयरा गांव मुगली की रहने वाली शहजादी सामाजिक संस्था रोटी बैंक में काम करती थी. फेसबुक के जरिए आगरा के रहने वाले उजैर से शहजादी का संपर्क हुआ था. कथित मानव तस्कर के प्रेमजाल में शहजादी फंस गई. शहजादी का चेहरा जला हुआ था और उजैर ने उसे इलाज के लिए आगरा बुला लिया. वहां से उसे इलाज करने के नाम पर आगरा के और वर्तमान में दुबई में रहने वाले दम्पति फैज और नादिया के हाथ शहजादी का सौदा कर उसको दुबई भिजवा दिया था।
दुबई में नौकरों की तरह काम कर रही थी शहजादी
वहां शहजादी को घरेलू नौकर की तरह काम करना पड़ता था और फैज और उसकी पत्नी के टॉर्चर से भी गुजरना पड़ता था. इसी बीच फैज के 4 साल के बेटे की बीमारी के दौरान मौत हो गई थी. इसका इल्जाम दुबई में रहने वाले इस दंपति ने शहजादी पर लगाते हुए उसे गिरफ्तार करा दिया था. दुबई की कोर्ट ने चार महीने पहले ही शहजादी को बच्चे की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई थी. इस पर शहजादी के घरवालों ने बांदा सीजेएम कोर्ट में फरियाद कर कोर्ट के आदेश पर आरोपी उजैर और दुबई में रहने वाले दंपति के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था. साथ ही पीएम मोदी से शहजादी को बचाने की फ़रियाद भी की थी.
शहजादी के घरवालों के मुताबिक, अबूधाबी की जेल में शहजादी को अपने घरवालों से बात करने की छूट दी गई है और शहजादी ने अपने पिता को फोन करके बताया और वहां की कोर्ट के आदेश भी भेजे हैं, जिससे यह पता चला कि इसी महीने यानि 21 सितंबर को शहजादी को सजा मौत देने का समय मुकर्रर कर दिया गया था, लेकिन पिता द्वारा दया याचिका लगाई जाने पर अब 29 तारीख मुकर्रर की गई है कि उसे फांसी दी जाए या फिर दया.
बेटी को बचाने के लिए लगाई गुहार
पीड़ित शहजादी ने अपने पिता से फोन पर बात करते हुए समाजसेवी और राजनीतिक दलों से मदद मांगी है और कहा है कि वह अबू धाबी की जेल से छूटने के बाद अपने साथ हुए अत्याचार को सबके सामने लाना चाहती है. शहजादी के पिता शब्बीर ने बताया कि मेरी बेटी को किस तरह से खरीद फरोख्त करके दुबई भेजा गया. फिर उसको वहां आया के रूप में रखा गया, प्रताड़ित किया जाता था और अपने ही बच्चे की हत्या का आरोप लगाकर उसे फांसी देने का काम इन जालिमों ने दिया है.
उसी से बेटी को बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई भारत सरकार ने मिलकर दुबई में यह दया की अर्जी लगवाई है. पिता के द्वारा जिसकी तारीख 29 सितंबर मुकर्रर की गई है. अब देखना यह है कि सरकार माफी देती है या शहजादी को फांसी दे देती है।