पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ED के समक्ष नहीं हुए पेश, आठ अक्टूबर को फिर किया तलब 

By Sanvaad News

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हैदराबाद , संवाद पत्र । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद को तीन अक्टूबर को संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर ने एजेंसी से और समय मांगा। 

सूत्रों ने बताया कि अजहरुद्दीन को आठ अक्टूबर के लिए नया समन जारी किया गया है। यह जांच एचसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है जिसको लेकर ईडी ने पिछले साल नवंबर में छापेमारी की थी। इसने एचसीए के पूर्व पदाधिकारियों के परिसरों पर छापेमारे थे जिनमें से एचसीए के पूर्व उपाध्यक्ष एवं क्रिकेटर शिवलाल यादव, कांग्रेस विधायक एवं एचसीए के पूर्व अध्यक्ष गद्दाम विनोद, एचसीए के पूर्व सचिव अरशद अयूब के अलावा ‘एसएस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी के कार्यालय और इसके प्रबंध निदेशक (एमडी) सत्यनारायण का आवासीय परिसर शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि एचसीए अध्यक्ष के रूप में अजहरुद्दीन के कार्यकाल के दौरान उनकी भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है। अजहरुद्दीन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। 

धन शोधन का यह मामला तेलंगाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एचसीए के 20 करोड़ रुपये के कथित आपराधिक दुरुपयोग के संबंध में दर्ज की गईं तीन प्राथमिकी और आरोपपत्रों से संबंधित है। ईडी ने पहले बयान में कहा था, ‘‘आरोपपत्र में हैदराबाद के उप्पल में निर्मित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जेनरेटर, अग्निशमन प्रणाली और छतरियों की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं।’’

पुलिस के आरोपपत्र के अनुसार, समयसीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में बढ़ोतरी होने से एचसीए को नुकसान हुआ। एजेंसी ने आरोप लगाया है, ऐसा पाया गया कि एचसीए के पदाधिकारियों ने निजी लोगों के साथ मिलीभगत करके, उचित निविदा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और कई मामलों में कोटेशन प्राप्त होने से पहले ही पसंदीदा ठेकेदारों को बाजार दरों से अधिक कीमत पर विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए।

 इसने कहा कि इन पदाधिकारियों में एचसीए के तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा अन्य शामिल हैं। यह भी कहा गया कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, जबकि उन्होंने कोई काम ही नहीं किया था। ईडी ने कहा था कि पिछले साल की गई छापेमारी में डिजिटल डिवाइस, ‘‘अपराध साबित करने वाले’’ दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये जब्त किए गए थे। जो रुपये जब्त किए गए उसके लेनदेन के बारे में कोई हिसाब नहीं था। अजहरुद्दीन ने 2009 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से जीत के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वह तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। 

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