पीएम मोदी को ‘बिच्छू’ कहने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने थरूर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर लगाई रोक

By Sanvaad News

Published on:

Follow Us

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना कथित तौर पर बिच्छू से करने के एक पुराने मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ चल रही मानहानि की कार्यवाही पर मंगलवार को पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति आर महादेन की पीठ ने थरूर को अंतरिम राहत दी और इस मामले के शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राजीव बब्बर को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने का निर्देश दिया। 

शीर्ष अदालत ने थरूर द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के नौ अगस्त 2024 के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर अपना यह आदेश पारित किया, जिसमें आपराधिक मानहानि मामले को खारिज करने के कांग्रेस सांसद के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था। पीठ के समक्ष थरूर की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मोहम्मद अली खान ने तर्क दिया कि उनके द्वारा दिया गया बयान भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 के अपवाद खंड 08 और 09 के अंतर्गत आता है, क्योंकि टिप्पणी को सद्भावनापूर्वक की गई टिप्पणी मानी जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी राजनीतिक दल के सदस्य को पीड़ित व्यक्ति नहीं कहा जा सकता। 

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि 28 अक्टूबर, 2018 को की गई उनकी टिप्पणी एक मार्च, 2012 को एक पत्रिका में दिए गए बयान पर आधारित थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा किया गया “असाधारण प्रभावशाली रूपक” मानहानिकारक माना जाता है। यह मामला 2018 का है, जिसमें में थरूर पर  मोदी की तुलना बिच्छू से करने का आरोप है। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने 28 अक्टूबर, 2018 को बंगलुरु साहित्य महोत्सव में कथित तौर पर यह बयान दिया था कि ” मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू हैं।” दिल्ली उच्च न्यायालय ने कार्यवाही रद्द करने की थरूर की याचिका को खारिज कर दी थी और उन्हें 10 सितंबर को निचली अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था, “इस चरण में कार्यवाही को खारिज करने के लिए कोई उचित कारण नहीं हैं।”

थरूर ने अपनी ओर से तर्क दिया कि वह केवल गोरधन जदाफिया के एक उद्धरण को दोहरा रहे थे, जो कई वर्षों से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। उन्होंने दावा किया कि टिप्पणियां उनकी अपनी राय नहीं थीं, बल्कि मौजूदा बयान की पुनरावृत्ति थीं। इसलिए, शिकायतकर्ता के पास भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज कराने का अधिकार नहीं था। 

Sanvaad News

आपका स्वागत है संवाद पत्र में, जहाँ हम आपको ताज़ा खबरों और घटनाओं से अवगत कराते हैं। हमारी टीम हर समय तत्पर है ताकि आपको सबसे सटीक और नवीनतम समाचार मिल सकें। राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय, और तकनीक से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें। संवाद न्यूज़ - आपकी आवाज़, आपकी खबर।

Leave a Comment