पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद को रोकना है, संयुक्त राष्ट्र में बोले भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश

By Sanvaad News

Published on:

Follow Us

न्यूयॉर्क , संवाद पत्र (अमेरिका)। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद पर रोक लगाना है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत लंबे समय से सीमापार से जारी आतंकवाद और वैश्विक आतंकवाद का शिकार रहा है तथा आतंकवाद के प्रति उसकी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति रही है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने मंगलवार को यहां बातचीत के दौरान कहा, पाकिस्तान के साथ हमारा मुख्य मुद्दा आतंकवाद का है। हरीश ने कोलंबिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स (एसआईपीए) में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का जवाब : भारत का तरीका’ विषय पर मुख्य भाषण दिया। 

मुख्य भाषण के बाद एक संवाद सत्र के दौरान पाकिस्तान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में हरीश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान से संपर्क साधने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा, भारत में आतंकवादी गतिविधियों ने भरोसे को तोड़ा है। पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद को रोकना है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह कार्यक्रम वैश्विक नेतृत्व में एमपीए कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय संगठन एवं संयुक्त राष्ट्र अध्ययन कार्यक्रम (आईओ/यूएनएस) द्वारा सह-प्रायोजित था तथा इसमें छात्रों, शिक्षकों और नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया। अपने संबोधन में हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद वैश्विक मंच पर एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, भारत लंबे समय से सीमापार और वैश्विक आतंकवाद का शिकार रहा है।

 हरीश ने आतंकवाद को मानवता के ‘‘अस्तित्व के लिए खतरा’’ बताया जो न तो सीमाएं जानता है, न ही राष्ट्रीयता और जिसका कोई औचित्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद का मुकाबला केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही किया जा सकता है।’’ आतंकवाद से निपटने में भारत का तरीका क्या है, इस पर हरीश ने रेखांकित किया कि देश का मुख्य ध्यान आतंकवाद से निपटने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को साथ लेने पर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आतंकवाद के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति रही है। 

‘न्याय में देरी न्याय से इनकार है’ की बात पर जोर देते हुए हरीश ने कहा कि अंतिम लक्ष्य है ‘‘फिर कभी ऐसा न हो। हम 9/11 नहीं चाहते, जो यहां हुआ है। हम 26/11 नहीं चाहते जो मुंबई में हुआ ।’’ उन्होंने मैनहट्टन में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ट्विन टावर्स पर अलकायदा द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों और 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों का जिक्र किया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि अब हमारे पास परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ गई है। 

उन्होंने कहा, “भारत हमेशा सार्वभौमिक, सत्यापन योग्य, गैर-भेदभावपूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के पक्ष में रहा है। हम इस बात में यकीन नहीं रखते कि आप ऐसी दुनिया में परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र बना सकते हैं जहां वितरण के साधन वैश्विक हैं। इसलिए हम सार्वभौमिक निरस्त्रीकरण के पक्ष में हैं। निश्चित रूप से, सत्यापन योग्य और गैर-भेदभावपूर्ण।”

भारतीय राजदूत ने कहा, भारत गैर-परमाणु हथियार वाले देशों के खिलाफ परमाणु हथियारों का पहले उपयोग न करने और गैर-उपयोग पर आधारित एक विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध बनाए रखने की नीति का पालन करता है। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में यह एक बड़ा मुद्दा है और निश्चित रूप से नया खतरा है। आतंकवादियों को सामूहिक विनाश के हथियार प्राप्त करने से रोकने के उपायों के साथ आने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग करने का आह्वान किया जा रहा है।

Sanvaad News

आपका स्वागत है संवाद पत्र में, जहाँ हम आपको ताज़ा खबरों और घटनाओं से अवगत कराते हैं। हमारी टीम हर समय तत्पर है ताकि आपको सबसे सटीक और नवीनतम समाचार मिल सकें। राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय, और तकनीक से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें। संवाद न्यूज़ - आपकी आवाज़, आपकी खबर।

Leave a Comment