गोंडा जिले के शिक्षक विक्रांत सिंह समेत 174 शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने दिया फैसला ।
गोंडा ,संवाद पत्र। परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया को पूरा करने में असफल रहे बेसिक शिक्षा विभाग को हाईकोर्ट ने झटका दिया है। प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति किए बगैर सहायक अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाकर काम ले रहे शिक्षकों को हाईकोर्ट ने प्रधानाध्यापक का वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने जिले के शिक्षक विक्रांत सिंह की याचिका का अंतिम निस्तारण करते हुए यह आदेश दिया है। अब विभाग को इंचार्ज प्रधानाध्यापकों को भी प्रधानाध्यापक का वेतन देना होगा।
बेलसर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय टपरहनपुरवा में कार्यरत सहायक अध्यापक विक्रान्त सिंह, तरबगंज के प्राथमिक विद्यालय घांचा के आशुतोष कुमार व हलधरमऊ के प्राथमिक विद्यालय हाता के सोनू कुमार सहित जनपद के 174 शिक्षक शिक्षिकाओं ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा था कि सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत रहते हुए उनसे पिछले 9 वर्ष से प्रभारी प्रधानाध्यापक पद का कार्य लिया जा रहा है,जबकि वह पदोन्नति के लिए जरूरी अहर्ता रखते हैं। इसके बावजूद उनकी नियमित पदोन्नति न कर विभाग के अधिकारी उनसे जबरन स्थाई प्रधानाध्यापक पद का कार्य ले रहे हैं।
याचीगणों ने न्यायालय से स्थाई प्रधानाध्यापक का वेतन दिलाए जाने की मांग की थी। याचीगणों की तरफ से अधिवक्ता वासुदेव मिश्रा व अन्य ने अपना पक्ष रखा। इस पर हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति मनीष माथुर ने प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर रहे सभी 174 शिक्षकों को स्थायी प्रधानाध्यापक पद का वेतन भुगतान करने का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन सभी याचिकाओं को भी अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है।
याची शिक्षकों ने किया फैसले का स्वागत
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले बेलसर के सहायक अध्यापक विक्रांत सिंह, राजनाथ तिवारी, प्रबल सिंह, दिनेश यादव, प्रतिभा शुक्ला, आशुतोष, कुलदीप यादव, रोहित गौतम, सोनू कुमार व हरिशंकर ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। शिक्षक संगठनों ने भी विभागीय अधिकारियों से अविलंब न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए संबन्धित को प्रधानाध्यापक पद का वेतन देने की मांग की है।
बिना पदोन्नति जबरन कार्य ले रहा विभाग- राजेश
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय लेखाकार राजेश शुक्ल ने विभाग पर बिना पदोन्नति जबरन कार्य कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विभाग शिक्षकों का शोषण कर रहा है। प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में दशकों से पदोन्नति प्रक्रिया बाधित है और शिक्षकों से बिना स्थाई पदोन्नति के जबरिया कार्य लिया जा रहा है, जो अब स्वीकार्य नहीं है। यदि विभाग अब भी नहीं चेता तो संगठन आन्दोलन को बाध्य होगा। हाईकोर्ट के फैसले पर संघ के जिलाध्यक्ष अशोक पांडेय, मण्डल अध्यक्ष विक्रम सिंह, नरेन्द्र सिंह, मीडिया प्रभारी यशवन्त पांडेय, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, सन्तबक्श सिंह, आनन्द सिंह, अनिल पांडेय, पुष्कर तिवारी आदि ने प्रसन्नता जतायी है