विधि संवाददाता, नैनीताल, संवादपत्र । हाईकोर्ट ने हरिद्वार में वर्ष 2005 में हुए हत्याकांड में निचली अदालत से आजीवन कारावास सजा पाए तीनों अभियुक्तों की सजा को बरकरार रखते हुए उनकी अपील खारिज कर दी है।
मामले के अनुसार हरिद्वार के ज्वालापुर में वर्ष 2005 में महिपाल सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्या के तीन आरोपियों राजवीर, रामवीर व रामभजन के खिलाफ ज्वालापुर थाने में मृतक के भतीजे रामवीर सिंह की ओर से दर्ज मामले में कहा गया कि तीनों ने गांव में 2003 में छह लोगों की हत्या कर दी थी और मृतक महिपाल सिंह इस मामले का चश्मदीद गवाह था। आरोपी मृतक पर गवाही न देने का दबाव बना रहे थे।
घटना के दिन जब मृतक महिपाल सिंह, रामवीर सिंह और भतीजे अनिल सिंह के साथ नरेन्द्र सिंह के घर से निकल रहे थे तो अपीलकर्ताओं ने यासीन बाग के पास उन पर गोली चला दी। गोली महिपाल सिंह को लगी और और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।
हरिद्वार के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) की अदालत ने राजबीर सिंह को वर्ष 2014 में हत्या का दोषी पाते हुए अजीवन कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदंड, रामवीर सिंह और रामभजन को वर्ष 2019 में आजीवन कारावास के साथ दस साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
दोषियों की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में अलग अलग अपील दायर की गई। खंडपीठ ने इन अपीलों की एक साथ सुनवाई करते हुए उन्हें खारिज कर दिया ।