विधि संवाददाता, नैनीताल, संवादपत्र । हाईकोर्ट ने उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष बॉबी पवार समेत पांच के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
मामले के अनुसार, बॉबी पवार, कार्तिक उपाध्याय, नितिन दत्त, भूपेंद्र कोरंगा व राम कनवाल के खिलाफ पुलिस ने 25 अगस्त 2023 को एक एफआईआर दर्ज कराई। दरअसल, बागेश्वर विधानसभा उप चुनाव-2023 के दौरान धारा 144 लागू थी।
इस बीच 25 अगस्त की रात 9 बजे बॉबी पवार ने मिशन स्कूल के रास्ते में अपने 10-15 साथियों के साथ नारेबाजी की और पम्फलेट वितरित किए जो मतदान को प्रभावित करने व भ्रमित तथ्यों वाली अपील थी। बॉबी पवार व उनके चार साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147,171(जी )186 व 188 की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। इसी क्रम में बागेश्वर सीजेएम की अदालत में आपराधिक मुकदमा दाखिल हुआ और मामले मे सभी आरोपियों के विरुद्ध चार्ज शीट भी दाखिल की गई। उपरोक्त कार्यवाही को चुनौती देते हुए बॉबी पवार व चार के अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की गई है, उन्हीं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार है।
बेरोजगारों के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे जागरूक युवाओं को प्रशासन डरा धमका कर आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। आज मामले मे न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकला पीठ ने अग्रिम आदेशों तक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागेश्वर मे चल रहे आपराधिक मामले मे रोक लगाए जाने के आदेश पारित किये तथा राज्य सरकार से जबाब दाखिल करने का आदेश दिया। अगली सुनवाई 11 नवम्बर 2024 क़ो तय की गयी है।