देहरादून, संवादपत्र । आईएसबीटी परिसर में सामूहिक दुष्कर्म और उससे पहले उत्तर प्रदेश स्थित गृह क्षेत्र में भी कई बार दुष्कर्म की शिकार हो चुकी 15 साल की किशोरी गर्भवती है। शारीरिक व मानसिक कमजोरी के चलते उसके गर्भपात की स्थिति बन गई है।
पीड़िता की ऐसी हालत ने जिला अस्पताल के चिकित्सा इंतजामों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। कानूनी प्रावधान के तहत जिला अस्पताल में दुष्कर्म पीड़िता के तत्काल इलाज के लिए विशेष इंतजाम होने चाहिए, लेकिन पीड़िता को इलाज के लिए दर-बदर भटकना पड़ा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बृहस्पतिवार शाम रक्तस्राव होने की वजह से पीड़िता को जिला अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन वहां से उसे दून अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। तब से उसे दो बार दून अस्पताल लाया जा चुका है।
पीड़िता के बारे में जानकारी मिलने पर राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने जिला अस्पताल के सीएमओ से पूछा है कि अस्पताल में चिकित्सा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं हैं, जबकि दुष्कर्म पीड़िता को चिकित्सा सहायता के लिए विशेष व्यवस्था होनी चाहिए थी। कानूनी प्रावधान के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता को अस्पताल में इलाज देने से इंकार करना दंडनीय अपराध है। आयोग के संज्ञान लेने के बाद अस्पताल प्रशासन ने घटनाक्रम की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
helloI like your writing very so much proportion we keep up a correspondence extra approximately your post on AOL I need an expert in this space to unravel my problem May be that is you Taking a look forward to see you