तेजस्वी यादव के प्लान का तोड़ नीतीश के दूत, नौकरशाह से नेता बने मनीष वर्मा ।

By Sanvaad News

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बिहार ,संवाद पत्र । जेडीयू कार्यकर्ता समागम के दौरान मनीष वर्मा हर जिले में दो दिनों तक प्रवास करके अलग-अलग समूहों से मिलेंगे, जिसमें सामाजिक संगठन के साथ क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात का कार्यक्रम बनाया गया है ताकि हर वर्ग से संपर्क साधा जा सके।

बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी एक साल का समय बाकी हो, लेकिन सियासी बिसात अभी से ही बिछाई जाने लगी है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक वारिस माने जाने वाले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आभार यात्रा के जरिए पहले चरण में 4 जिलों का दौरा पूरा कर चुके हैं. आरजेडी की ‘कार्यकर्ता आभार यात्रा’ के जवाब में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ‘कार्यकर्ता समागम’ शुरू कर रही है।

‘कार्यकर्ता समागम’ का नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौकरशाह से नेता बने पार्टी के महासचिव मनीष वर्मा को सौंपी है. इस बहाने मनीष वर्मा चुनाव से पहले बिहार मथने के साथ-साथ जेडीयू कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी देंगे. जेडीयू ‘कार्यकर्ता समागम’ की शुरुआत आज शुक्रवार को मुजफ्फरपुर से हो रही है, जो चार महीने तक चलेगी. अगले साल 20 जनवरी 2025 को नालंदा में इसका समापन होगा.

समागम के जरिए नब्ज टटोलेगी JDU

पंचायत से लेकर ब्लॉक और जिला स्तर के जेडीयू कार्यकर्ता तथा पदाधिकारी ‘कार्यकर्ता समागम’ में शिरकत करेंगे. प्रदेश के सभी 38 जिलों में ‘कार्यकर्ता समागम’ के कार्यक्रम के जरिए मनीष वर्मा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सियासी नब्ज को समझने के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की मन की बात को भी जानने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव के लिए एक्टिव करने की स्टैटेजी भी है।

बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बार का चुनाव जेडीयू के लिए सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार ने जेडीयू के कार्यकर्ताओं के अंदर सियासी ऊर्जा भरने की जिम्मेदारी अपने करीबी मनीष वर्मा को सौंपी है, जो उनके सजातीय होने के साथ-साथ उनके गृह क्षेत्र नालंदा से भी आते हैं.

तेजस्वी की यात्रा के जवाब में समागम

सीएम नीतीश कुमार के फिलहाल सबसे भरोसेमंद नेताओं में मनीष वर्मा का नाम शामिल है. इसीलिए माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव की यात्रा के जवाब में जेडीयू ने नीतीश कुमार के दूत को मिशन-2025 का जिम्मा सौंपा है.

नौकरशाह से सियासत में आए मनीष वर्मा इस बहाने बिहार के सभी जिलों का दौरा करके राजनीतिक नब्ज को समझेंगे. जेडीयू ‘कार्यकर्ता समागम’ के जरिए मनीष वर्मा सिर्फ पार्टी संगठन के लोगों के साथ सिर्फ बैठक ही नहीं करेंगे बल्कि सभी जिलों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे. इस दौरान जेडीयू के पदाधिकारियों के साथ अलग से भी मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और उसका समाधान तलाशने की कोशिश करेंगे.

जेडीयू ‘कार्यकर्ता समागम’ के दौरान मनीष वर्मा हर एक जिलों में दो दिनों तक प्रवास करके अलग-अलग समूहों से मिलेंगे, जिसमें सामाजिक संगठन के साथ क्षेत्र के बुद्धिजीवियों से भी मुलाकात का कार्यक्रम बनाया गया है. जिलों में प्रवास के दौरान मनीष वर्मा पार्टी विधायक और चुनाव लड़ने वाले नेताओं का फीडबैक लेंगे.

CM नीतीश से साझा करेंगे फीडबैक

साथ ही नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की योजनाओं पर अलग-अलग समूह के साथ चर्चा करेंगे. मनीष वर्मा पार्टी ‘कार्यकर्ता समागम’ के दौरान कार्यकर्ताओं, नेताओं, सामाजिक संगठन और बुद्धिजीवियों के द्वारा मिलने वाले फीडबैक की रिपोर्ट तैयार करेंगे नीतीश कुमार के साथ साझा करेंगे.

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पूरी तरह से चुनावी मोड में उतर गए हैं. तेजस्वी कार्यकर्ता आभार यात्रा का पहला चरण पूरा चुके हैं. तेजस्वी ने समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया. इसी तरह से बाकी सभी जिलों में भी उनके दौरे होने है.

बिहार की सियासी नब्ज पकड़ने की कोशिश

दूसरी ओर, चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिक पिच पर उतरे प्रशांत किशोर भी बिहार में पदयात्रा कर चुके हैं. अलग-अलग जाति समूहों के साथ बैठक कर सियासी एजेंडा भी उन्होंने सेट करना शुरू कर दिया.

आरजेडी और प्रशांत किशोर के बाद जेडीयू भी बिहार की सियासी नब्ज की थाह लेने के लिए ‘कार्यकर्ता समागम’ कार्यक्रम शुरू कर रही है. इसका जिम्मा जेडीयू के महासचिव मनीष वर्मा को सौंपी गई है. आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर मनीष वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक सफर का आगाज किया है. मनीष वर्मा सीएम नीतीश के गृह जिले नवादा से आते हैं और कुर्मी समुदाय से भी हैं. नीतीश कुमार के बेहद वफादार और स्वजातीय होने के साथ-साथ बेहद करीबी भी हैं. इसीलिए जेडीयू ‘कार्यकर्ता समागम’ का जिम्मा दिया गया है.

JDU में बढ़ रहा मनीष वर्मा का कद

मनीष वर्मा पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री नीतीश के साथ काम कर रहे हैं. वो भले ही जेडीयू की राजनीति में फ्रंटफुट पर न दिखते रहे हों, लेकिन बैकडोर से सारी गोटिंया बिछाने का काम करते रहे. मनीष वर्मा ने ऐसे समय में राजनीति में कदम रखा है जब बिहार के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछाई जा रही है और अब उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.

मनीष वर्मा का सियासी कद जेडीयू में वैसा ही बढ़ता जा रहा, जैसे एक समय आरसीपी सिंह का हुआ करता था. आरसीपी के बीजेपी में जाने के बाद से जेडीयू में कुर्मी समुदाय के चेहरे की तलाश नीतीश कुमार को थी. ऐसे में नीतीश ने अपने गृह जिले और अपने सजातीय कुर्मी समाज से आने वाले मनीष वर्मा को विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पिच पर उतारकर राजनीतिक संदेश देने की स्टैटेजी अपनाई है।


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