नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार को परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिनमें फर्जी पहचान पत्र के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है।
आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2023 बैच की अधिकारी खेडकर पर हाल में पुणे में अपने प्रशिक्षण के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने और सिविल सेवा में चयन के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था।
आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए चयनित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के संबंध में विस्तृत और गहन जांच की है।’’ इसमें कहा गया है कि जांच से पता चला है कि खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर पहचान छिपाई और परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाया। बयान के मुताबिक, यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराके आपराधिक मुकदमा चलाने सहित कई कार्रवाई शुरू की हैं।