चीन को संदेश

By Sanvaad News

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जापान के टोक्यो में आयोजित क्वाड देशों की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत की ताकत, उसकी क्षमता, उसके विजन से दुनिया को परिचित कराया। महत्वपूर्ण है कि बैठक में भारत समेत ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के सदस्य देशों ने सोमवार को चीन को स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी देश को दूसरे देश पर हावी नहीं होना चाहिए तथा प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन किया जाना चाहिए।

सदस्य देशों ने स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत को लेकर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान की विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने भाग लिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि केवल क्वाड ही सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत स्वतंत्र, सुरक्षित बना रहे।

विश्व की भलाई के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता हिंद-प्रशांत क्षेत्र से कहीं आगे तक है। वास्तव में ये आसान समय नहीं है। विश्व के विभिन्न हिस्सों में भू-राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। रूस-यूक्रेन और हमास-इजराइल संघर्ष के बीच वैश्विक आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करना साथ ही जोखिम को कम करना बड़ी चुनौती है। पिछले कुछ वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य मौजूदगी में वृद्धि देखी गई है। जैसे-जैसे चीन अपनी विस्तारीकरण की नीति पर आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे उसकी आक्रामकता भी बढ़ती जा रही है।

चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र पर दावे करते हैं। ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के उद्देश्य से भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में मिलकर ‘क्वाड’ की स्थापना की थी। 

क्वाड के चारों देश भी इस बात से बखूबी वाकिफ हैं कि चीन से निपटना उनकी रोजमर्रा की सुरक्षा जरूरतों का हिस्सा बन चुका है। इस कारण क्वॉड हमेशा से चीन के लिए बड़ी चिंता का कारण रहा है। जरूरी है सदस्य सदस्यों को इस बात के प्रति भी सचेत रहना चाहिए कि क्षेत्र में क्वाड के विकास को किस तरह से देखा जाता है और इस विकास की गति के साथ सहजता है।

आवश्यक है कि चारों देशों के बीच राजनीतिक समझ मजबूत हो आर्थिक साझेदारी बढ़े, प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़े तथा लोगों के बीच सहजता बढ़े। क्वाड विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की। इससे क्वाड में भारत का दबदबा बढ़ेगा। क्वॉड में भारत के बढ़ते दबदबे से चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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