धनपतगंज/सुलतानपुर,संवाद पत्र विकास कार्यों मे पारिदर्शिता और गति लाने के लिये पंचायतों मे तकनीकी कार्यों के लिये ग्राम पंचायतों के बांटे गये प्रभार में शासनादेश की विकास खंड मे खुलकर अनदेखी की गयी है। चहेते तकनीकी सहायकों को रेवड़ी की तरह दे दी गई अधिक ग्राम पंचायतें। जिससे पंचायतों मंे विकास कार्यों की गति धीमी पड़ गयी है और तकनीकी सहायकों में भी असंतोष व्याप्त है।
उत्तर प्रदेश प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग द्वारा पंचायत में विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से 7 अक्टूबर2011 के जारी शासनादेश के तहत तकनीकी सहायकों को कार्य स्थल चयन और डिजाइन तैयार करने के लिए न्याय पंचायत सह प्रभार का आदेश जारी किया गया। इससे जहां कम समय में पारदर्शी कार्य पूरा हो सकेगा वहीं संविदा कर्मियों में कार्यों के बंटवारे को लेकर असंतोष भी नहीं होगा।
बावजूद इसके शासनादेश को दरकिनार कर धनपतगंज विकासखंड में मनमानी ढंग से पंचायतों का आवंटन किया गया है। विकासखंड में कुल 66 ग्राम पंचायतें हैं और आठ न्याय पंचायत है। जिसमें तकनीकी सहायकों के लिये प्रभार का बंटवारा न्याय पंचायत स्तर पर होना चाहिए और बराबर मिलना चाहिए, जबकि देखा जाय तो धनपतगंज में 6 तकनीकी सहायक हैैं। जिसमें मौजूदा क्लस्टर के तहत अजीत शुक्ला को 6 ग्राम पंचायत, सुधाकर पांडेय को 7 ग्राम पंचायत, शिवकुमार को 7, अमरीश वैश्य को 10, वीरेंद्र नारायण मिश्र को 17 और श्री प्रकाश तिवारी को 19 ग्राम पंचायत का प्रभार दिया गया है।
चार तकनीकी सहायकों को 30 ग्राम पंचायत और दो तकनीकी सहायक को 36 ग्राम पंचायत का प्रभार दिया गया है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि दो तकनीकी सहायक 36 ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए कैसे और कितना समय निकाल पाएंगे। यह एक बड़ा सवाल है। दूसरी तरफ कलस्टर बंटवारे को लेकर दोहरे मापदंड की निर्धारित इस नई व्यवस्था से तकनीकी सहायकों में भी असंतोष व्याप्त है। खंड विकास अधिकारी विमलेश त्रिवेदी ने बताया कि किंही कारणों से ऐसे व्यवस्था बनी होगी। जल्द ही इसे सही किया जायेगा।