गोंडा, संवादपत्र । परसपुर थाना क्षेत्र के रेक्सड़िया गांव में मंगलवार को एक नवजात लावारिश हाल में झाड़ियों के बीच पड़ी मिली। नवजात कपड़े में लिपटी हुई थी। माना जा रहा है कि किसी कलयुगी मां ने जन्म लेते ही उसे झाड़ियों में फेंक दिया। नवजात को देखकर गांव के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन टीम ने नवजात को इलाज के लिए महिला चिकित्सालय एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया है।
परसपुर थाना क्षेत्र के रेक्सड़िया गांव के रहने वाले महेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार की सुबह वह अपने खेतों की तरफ गए थे। वहां झाड़ियों के बीच उन्होंने नवजात को पड़ा देखा। नवजात कपड़े में लिपटी हुई थी। नजदीक जाकर देखा तो उसकी सांसे चल रही थी। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना गांव के लोगों समेत परसपुर पुलिस को दी। गांव में नवजात मिलने की सूचना फैल गयी और मौके पर सैकड़ों लोग जुट गए।
ग्रामीणों का कहना था कि कि कलयुगी मां ने समाज के डर के कारण जन्म लेते ही नवजात को झाड़ियों में फेंक दिया होगा। लोग चर्चा कर ही रहे थे कि इसी बीच परसपुर पुलिस मौके पर पहुंच गयी और नवजात को थाने ले आई। जिसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन को इसकी जानकारी दी। चाइल्ड हेल्पलाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर आशीष मिश्र ने बताया कि सूचना मिलने पर तत्काल उनकी टीम मौके पर पहुंची और नवजात को लाकर महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एस दयाल से बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली गई है। उसका इलाज चल रहा है। आशीष मिश्र ने बताया कि नवजात को पूर्ण स्वस्थ हो जाने पर न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करके बाल हित में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।है। इस दौरान काउंसलर नीतू त्रिपाठी, सुपरवाइजर माखनलाल तिवारी, एसएनसीयू वार्ड के स्टाफ रंजीत शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।
वहीं जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि बच्चे के इलाज व देखरेख के लिए संबंधित को निर्देशित किया गया है। बच्चे को गोद लेने के इच्छुक दम्पति निर्धारित प्रक्रिया के तहत भारत सरकार द्वारा जारी एडाप्शन रेग्युलेशन अनुसार केयरिंग पोर्टल पर बेबसाइट www. Cara. com पर आवेदन कर सकते है।