गोंडा, संवादपत्र । राजकीय मेडिकल कॉलेज में ब्लड प्रेशर (BP) अधिक होने पर इलाज कराने गए एक मरीज और उसके तीमारदार को इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर और उसके गुर्गों ने जमकर पीटा। आपात कालीन कक्ष को भीतर ही लात घूंसों से मरीज और उनकी तीमारदार की पिटाई की गयी। मारपीट और गुंडागर्दी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो सोमवार रात का बताया जा रहा है।
वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किस कदर एक मरीज व उसके साथ आए युवक की पिटाई की जा रही है। वीडियो में एक डॉक्टर व अन्य कई लोग युवक पर लात घूंसे बरसाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात एक मरीज अपने एक सहयोगी के साथ ब्लड प्रेशर होने पर इलाज के लिए अस्पताल आया था। जब वह अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचा तो डॉक्टर किसी दूसरे मरीज का इलाज कर रहे थे। उसने डॉक्टर से थोड़ा जल्दी चेकअप करने की गुजारिश की तो डॉक्टर वह उसके साथ बैठे लोग भड़क गए।
पहले दोनों पक्षों के बीच तू तू मैं में हुई और इसके बाद मारपीट होने लगी। इसी दौरान अस्पताल में मौजूद किसी अन्य शख्स ने इस घटना का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मारपीट की सूचना पर नगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस का कहना है कि मारपीट की घटना हुई थी लेकिन दोनों पक्षों ने आपस में सुलह समझौता कर लिया इसलिए किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी। वहीं लोग मारपीट की इस घटना पर तरह तरह के सवाल उठा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन भी इस घटना पर चुप्पी साधे है। स्वायत्तशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक अनिल वर्मा ने अस्पताल की इमरजेंसी में मारपीट की पुष्टि तो की, लेकिन कहा कि दोनों पक्षों ने पुलिस आने पर समझौता कर लिया।
मरीज की तरफ से भी किसी तरह की शिकायत नहीं की गई इसलिए उसकी पहचान नहीं हो सकी। डॉक्टर की तरफदारी कर रहे लोग कौन हैं और रात में अस्पताल की इमरजेंसी में क्या कर रहे थे इस सवाल पर प्रबंधक अनिल वर्मा ने कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल की इमरजेंसी में किसी भी बाहरी व्यक्ति के बैठने की छूट नहीं है।
सोशल मीडिया पर कोई दलाल बता रहा तो कोई गुंडा
स्वायत्तशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हुई मरीज और उसके तीमारदार की पिटाई को लेकर लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। मारपीट कर रहे लोगों को कोई गुंडा तो कोई अस्पताल का दलाल बता रहा है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में दलालों की भरमार है। किसी भी डॉक्टर के चेंबर में चले जाइए वहां आपको दो से चार की संख्या में बाहरी लोग मिल जाएंगे।कई बार मरीजों की तरफ से इसकी शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन इन बाहरी तत्वों पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रहा है।