बरेली, संवाद पत्र । अफसरों के लगातार सख्त तेवरों के बीच हत्या की कोशिश का आरोपी पुलिस की वर्दी पर एक और दाग लगा गया। पीड़ित पक्ष की ओर से पकड़कर सुपुर्द किए जाने के बावजूद इज्जतनगर पुलिस ने उसे पहले गंभीर घायल बताकर अस्पताल में भर्ती कराया, फिर छोड़ दिया। इस बीच उसे अफसरों के सामने पेश होकर दूसरे पक्ष के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रार्थनापत्र देने का भी मौका दे दिया। क्राइम ब्रांच ने उसे अब घर से गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
इज्जतनगर पुलिस का कृपापात्र मुड़िया अहमदनगर का अजयपाल ने पंकज यादव के साथ अपने ही गांव के मुकेश पर स्कॉर्पियो चढ़ाकर हत्या की कोशिश की थी। थाना इज्जतनगर में 8 मई को मुकेश के भाई रविंद्र ने अजयपाल और पंकज यादव के खिलाफ लिखाई गई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि दोनों इसलिए उसके भाई को जान से मारना चाहते थे क्योंकि वह उनके सट्टा कराने के खिलाफ शिकायतें करता था। इस मामले में अजयपाल और पंकज के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी हुए लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। इस बीच 22 जून को पीलीभीत बाईपास पर हुए गोलीकांड में भी पंकज यादव नामजद हो गया।
पुलिस से नजदीकी की वजह से गांव में रहते हुए भी दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो शनिवार शाम पीड़ित पक्ष ने खुद अजयपाल को पकड़ लिया और पीटने के बाद इज्जतनगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। पुलिस पर दोबारा सवाल तब उठने शुरू हुए जब अजयपाल को पकड़ने और पीटने वालों के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया और अजयपाल को पहले से वांछित होने के बावजूद पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर छोड़ दिया गया।
पुलिस ने बताई गंभीर हालत, क्राइम ब्रांच को घर पर आराम करता मिला
इज्जतनगर पुलिस ने रविवार को ही अजयपाल को छोड़ दिया था। इसके बाद सोमवार को वह अपनी मां के साथ पुलिस ऑफिस जाकर अफसरों के सामने पेश हुआ और अपने ऊपर जानलेवा हमले के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कराने के लिए प्रार्थनापत्र भी दे दिया। जबकि पुलिस शनिवार को ही इस मामले में मुकेश और जगपाल समेत दो की गिरफ्तारी कर चुकी थी।
क्राइम ब्रांच के विवेचक अवनीश कुमार को अजयपाल को छोड़े जाने का पता चला तो उन्होंने सोमवार शाम उसके घर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने आरोपी ने पूछताछ में मुकेश की हत्या की कोशिश का जुर्म कुबूल किया है। उधर, सोमवार तक इंस्पेक्टर इज्जतनगर धनंजय सिंह कहते रहे कि अजयपाल की हालत गंभीर है और उसे उसके परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया है।