‘क्यों एनटीए वेबसाइट पर अपने बारे में ‘इतनी कम’ जानकारी देती है’, TMC सांसद ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

By Sanvaad News

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नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर उनसे पूछा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की वेबसाइट पर उसके (संगठन के) बारे में पर्याप्त जानकारी क्यों नहीं है। 

‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस पत्र को टैग करते हुए उन्होंने पूछा, “बोर्ड के सभी सदस्य कौन-कौन हैं? अधिकारी कौन हैं? एनटीए की वार्षिक रिपोर्ट कहां हैं?” पश्चिम बंगाल की सांसद ने सुझाव दिया, “भविष्य की परीक्षाओं के लिए जनता का विश्वास जीतने के लिए एनटीए को अपनी वेबसाइट पर अपने बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए।” हाल में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी और यूजीसी नेट जैसी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एनटीए लोगों के निशाने पर आ गयी थी। घोष ने प्रधान को टैग करते हुए इस पोस्ट में कहा, ‘‘ मैंने शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को लिखा है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (जो नीट सहित 17 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करती है) वेबसाइट पर अपने बारे में इतनी कम जानकारी क्यों देती है?’’ 

सांसद ने कहा कि उन्होंने मंत्री को पत्र इसलिए लिखा क्योंकि राज्यसभा में उनके द्वारा पूछा गये प्रश्न का उत्तर देने के लिए चयन नहीं किया गया और उन्हें उसका उत्तर नहीं मिला। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने घोष का पोस्ट साझा किया है। रमेश की पार्टी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में सहयोगी दल हैं। 

रमेश ने कहा, “एनटीए का एकमात्र काम आउटसोर्सिंग करना जान पड़ता है। इसके अध्यक्ष का मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में बहुत ही संदिग्ध रिकॉर्ड है।” तृणमूल सांसद घोष ने अपने पत्र में कहा कि एनटीए की स्थापना 2017 में हुई थी और पांच वर्षों में इसे 17 विभिन्न परीक्षाएं आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा, “जनता का विश्वास जीतने और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए, प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करने वाले किसी भी सरकारी संगठन को अपने बारे में अधिक जानकारी का खुलासा करना चाहिए। एनटीए की वेबसाइट पर संगठन के बारे में बहुत कम जानकारी दी गई है।” 

तृणमूल सांसद ने कहा, “एनटीए के सभी कार्यालयों के केवल दो लैंडलाइन नंबर साझा किये गये हैं। केवल अध्यक्ष, महानिदेशक और एक अन्य सदस्य के नाम ही उपलब्ध हैं।” उन्होंने पूछा कि क्या सरकार एनटीए की वेबसाइट को ‘अपडेट’ करने पर विचार कर रही है ताकि एनटीए के अन्य बोर्ड सदस्यों और अधिकारियों के नाम और उनके बारे में जानकारी मिल सके और एनटीए की वार्षिक रिपोर्ट भी जनता को उपलब्ध हो सके। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी फिलहाल एनटीए के प्रमुख हैं। 

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