क्या से क्या हो गई पाकिस्तान की हालत! कंगाली में 1.5 लाख नौकरियों में की कटौती, 6 मंत्रालय भी किए भंग

By Sanvaad News

Published on:

Follow Us

पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि उसे अपनी व्यवस्था चलाने के लिए इंटरनेशनल लेवल पर भीख मांगनी पड़ रही है। हालही में उसने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन की डील की है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान आर्थिक रूप से लगातार कंगाल हो रहा है और हालात ये हैं कि अगर उसे लोन न मिले तो वह ज्यादा समय तक अपनी व्यवस्था चलाने में भी असमर्थ है। ताजा मामला ये है कि पाकिस्तान ने आर्थिक खर्चों को कम करने के लिए 1.5 लाख नौकरियों में कटौती की है और 6 मंत्रालय भी भंग कर दिए हैं। इसके अलावा दो अन्य मंत्रालयों के विलय करने की भी घोषणा की गई है। 

बता दें कि पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन लेने के तहत ये काम किया है क्योंकि उसे दुनिया को ये दिखाना है कि वह अपने खर्चों को सीमित कर रहा है और इसीलिए उसे लोन दिया जाए। मिली जानकारी के मुताबिक, आईएमएफ के साथ 7 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन के तहत पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल 26 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के सहायता पैकेज को मंजूरी दे दी थी और पाकिस्तान द्वारा व्यय में कटौती, कर-से-जीडीपी अनुपात में वृद्धि, कृषि और रियल एस्टेट जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों पर कर लगाने की प्रतिबद्धता के बाद पहली किश्त के रूप में 1 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक जारी किया थी। 

पाकिस्तान के वित्त मंत्री का सामने आया था बयान

अमेरिका से लौटने पर मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा था कि आईएमएफ के साथ एक कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया है, जो पाकिस्तान के लिए आखिरी कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा था, ‘हमें यह साबित करने के लिए अपनी नीतियों को लागू करने की जरूरत है कि यह आखिरी कार्यक्रम होगा।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जी20 में शामिल होने के लिए अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाना होगा।

मंत्री ने कहा था, ‘मंत्रालयों के भीतर सही आकार का काम चल रहा है और छह मंत्रालयों को बंद करने का निर्णय लागू किया जाएगा, जबकि दो मंत्रालयों का विलय किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, विभिन्न मंत्रालयों में 1,50,000 पद समाप्त हो जाएंगे।’

उन्होंने बढ़ते कर राजस्व पर विस्तार से चर्चा की थी और कहा था कि पिछले साल लगभग 3 लाख नए करदाता थे और इस साल अब तक 732,000 नए करदाताओं ने पंजीकरण कराया है, जिससे देश में करदाताओं की कुल संख्या 1.6 मिलियन से बढ़कर 3.2 मिलियन हो गई है।

Sanvaad News

आपका स्वागत है संवाद पत्र में, जहाँ हम आपको ताज़ा खबरों और घटनाओं से अवगत कराते हैं। हमारी टीम हर समय तत्पर है ताकि आपको सबसे सटीक और नवीनतम समाचार मिल सकें। राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय, और तकनीक से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें। संवाद न्यूज़ - आपकी आवाज़, आपकी खबर।

Leave a Comment