कानपुर, संवादपत्र । आधुनिक जीवनशैली, गलत खानपान और आरामदायक जीवन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं दे रहा है, इनमें कोलेस्ट्राल लेवल बढ़ना प्रमुख है। यह समस्या व्यायाम न करने, तनाव, तैलीय भोजन, शराब और सिगरेट के सेवन से ज्यादा देखी जा रही है। लापरवाही बरतने पर पीड़ित व्यक्ति में लिवर कैंसर, हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ने की आशंका बढ़ जाती है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रो.एसके गौतम ने शरीर में बढ़े कोलेस्ट्राल के संबंध में 250 लोगों पर शोध किया। इसमें 140 पुरुष और 110 महिलाएं शामिल थीं। इन 250 लोगों में 60 हेपेटाइटिस-बी और 40 हेपेटाइटिस-सी के मरीज भी थे। प्रो.गौतम ने बताया कि केस स्टडी में 140 लोग क्रोनिक लीवर डिसीज (सीएलडी) से ग्रस्त मिले, जबकि कुछ लोगों ने सीने में दर्द की परेशानी बताई। फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर के लक्षण भी कई लोगों में देखने को मिले।
जिन मरीजों में कोलेस्ट्राल की मात्रा अधिक होती है, उनमें हार्ट या ब्रेन अटैक की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए कोलेस्ट्राल को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है। बचाव के लिए स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का सेवन करें और कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें या पैदल चलें। – प्रो. एसके गौतम, मेडिसिन विभाग, मेडिकल कॉलेज।
गुड कोलेस्ट्राल कई बीमारियों से रखता दूर
शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्राल होते हैं। एक गुड और दूसरा बैड कोलेस्टेरॉल। गुड कोलेस्ट्राल शरीर की कई बीमारियां दूर करने में सहायक होता है। बैड कोलेस्ट्राल जमा होने से शरीर गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है। हार्ट की बीमारी बैड कोलेस्ट्राल से होती है। लिवर ठीक से काम करना बंद कर देता है। महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान गुड कोलेस्ट्रॉल कम होने पर समय से पहले बच्चे का जन्म और उसका वजन कम होने का खतरा रहता है।
कोलेस्ट्राल बढ़ने के लक्षण
– अचानक वजन बढ़ना शुरू होना।
– किसी भी मौसम में ज्यादा पसीना आना।
– त्वचा के रंग में बदलाव आना
– सीने में लगातार दर्द रहना।
– पैरों में दर्द या पैर का सुन्न होना।
– शरीर में विटामिन डी की कमी।