कोलकाता मामला: जूनियर चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने से बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

By Sanvaad News

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और फिर उसकी हत्या के विरोध में जूनियर चिकित्सकों की शनिवार को लगातार 16वें दिन हड़ताल के कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। सरकारी अस्पतालों की आपातकालीन सेवाओं में वरिष्ठ चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

कोलकाता मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल (केएमसीएच) के हड़ताल कर रहे एक चिकित्सक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’ उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता में चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील बृहस्पतिवार को दोहरायी थी।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि ‘‘न्याय और औषधि’’ को रोका नहीं जा सकता। साथ ही उसने चिकित्सकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि न्यायाधीश और चिकित्सक हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि वे जीवन और स्वतंत्रता से जुड़े मामलों से निपटते हैं। जूनियर चिकित्सक महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करने के अलावा केएमसीएच प्रशासन में कई लोगों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर चिकित्सकों की मांग को मानते हुए आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को बुधवार को हटा दिया था और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य के पद पर स्थानांतरित करने के आदेश को भी रद्द कर दिया था। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव सम्मेलन कक्ष में मिला था। जिसके अगले दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।

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