कोच्चि। केरल में यहूदी समुदाय की अंतिम महिला का कोच्चि के पास मट्टनचेरी स्थित उनके आवास में निधन हो गया। वह उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि क्वीनी हालेगुआ (89) का रविवार को निधन हो गया और उनका अंतिम संस्कार समुदाय के रीति-रिवाज के अनुसार यहां यहूदी कब्रिस्तान में किया गया। वह अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गई हैं और दोनों ही अमेरिका में रहते हैं।
यहां स्थित ‘परदेसी सिनेगॉग’ के न्यासी एम.सी. प्रवीण ने बताया कि उनके भतीजे कीथ हालेगुआ (65) अब कोच्चि में यहूदी समुदाय के एकमात्र सदस्य हैं। ‘सिनेगॉग’ यहूदी उपासनागृह को कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं। उनकी तबीयत खराब होने की खबर मिलने पर उनके बच्चे भी यहां आ गए थे। अब सात दिन का शोक मनाया जाएगा। इसके बाद, 11 महीने के उपरांत उनकी याद में एक मकबरा बनवाया जाएगा।’’
उनके अंतिम संस्कार के मौके पर 10 पुरुष सदस्यों की अनिवार्य उपस्थिति समेत अन्य यहूदी रीति-रिवाज का पालन किया गया। उन्होंने बताया कि कोच्चि किला घूमने आये दो पर्यटकों ने भी अंतिम संस्कार में भाग लिया। क्वीनी एस कोडर की बेटी थीं जिन्होंने कोच्चि शहर में बिजली वितरण की शुरुआत की थी। वे कोच्चि में नौका सेवा शुरू करने वाले पहले व्यक्ति भी थे और उन्हें केरल में पहला डिपार्टमेंटल स्टोर स्थापित करने का श्रेय भी दिया जाता है।
यहां के निकट मट्टनचेरी यहूदी नगर में स्थित ‘परदेसी सिनेगॉग’ एक ऐतिहासिक स्थल है जहां काफी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसका निर्माण 1568 ई. में सैमुअल कैस्टियल, डेविड बेलीला और जोसेफ लेवी द्वारा कोचीन में परदेसी यहूदी समुदाय के लोगों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर किया गया था। यह राष्ट्रमंडल देशों में सबसे पुराना यहूदी उपासनागृह है जो कि आज भी सक्रिय है।