केदारनाथ में बादल फटने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहाड़ों के बीच फंस गए हैं। भारी बारिश से हुए भूस्खलन के चलते रास्ते बंद हो चुके हैं। बारिश के पानी के साथ भूस्खलन का मलबा भी बह रहा है और इसकी चपेट में आने वाली हर चीज इसका हिस्सा बन जाती है। ऐसे में SDRF के जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं और लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को रेस्क्यू करने के लिए SDRF उत्तराखण्ड के जवानों ने देर रात्रि तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए मुनकटिया क्षेत्र से 450 यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग पहुंचाया। अब तक 2200 से अधिक यात्रियों को सकुशल पैदल मार्ग से निकाला जा चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी रहेगा।
मुंबई से 50 लोगों का ग्रुप चार धाम यात्रा पर निकला था। केदारनाथ से दर्शन करके लौटते समय सभी लोग फंस गए थे। सभी को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। इस ग्रुप के 18 लोग अभी फंसे हुए हैं। रेस्क्यू करके सभी लोगों सेरसी में रखा गया है। लोगों रेस्क्यू करके सेरसी हेलीपैड पर लाया जा रहा है। सुबह से अभी तक 300 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड में फंसे लोगों को प्राथमिकता के आधार पर लाया जा रहा है। इसमें महिलाओं और बच्चों को पहले रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।
गुलाब कोटी बद्रीनाथ राष्टीय राजमार्ग रात से बाधित
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गुलाब कोटी के पास में रात करीबन 9 बजे से बाधित है और आपको बता दें कि की जहां पर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित पड़ा हुआ है, वहां पर इस समय तीर्थ यात्रियों से लेकर के स्थानीय लोगों के वाहन दोनों तरफ फंसे हुए देखे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों से लेकर के तीर्थ यात्रियों ने संबंधित विभाग पर काफी लापरवाही का आरोप लगाया है। विभाग की मशीन बाधित सड़क का मलबा हटाते समय अचानक खराब हो गई, जिस कारण तीर्थ यात्रियों से लेकर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश का माहौल बन गया।
आलम यह है कि गुलाब कोटी-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लोगों के लिए इस वक्त मुसीबत बन चुका है। तीर्थ यात्री से लेकर स्थानीय लोग जान हथेली पर रखकर इस समय गुलाब कोटी बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पैदल आवाजाही करते हुए भी देखे जा रहे हैं।