लखनऊ, संवादपत्र । केजीएमयू (किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रविदेव से मारपीट करने वाले तीमारदारों की तलाश में पुलिस टीमें छापेमारी कर रही हैं। तीमारदारों पर एफआईआर दर्ज होते ही आरोपी अपने-अपने घर से भाग निकले, पुलिस टीम आरोपितों की तलाश में रिश्तेदारों के साथ उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। शुक्रवार को आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने इस घटना पर रोष व्यक्त कर पुलिस उपायुक्त पूर्वी (डीसीपी ईस्ट) प्रबल प्रताप सिंह से मुलाकात कर आरोपितों की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि 24 जुलाई को गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 में ऐग्नेस हॉस्पिटल में केजीएमयू के पूर्व प्रोफसर डॉ. रविदेव अस्पताल में भर्ती मरीजों को देख रहे थे, तभी तीमारदारों पर लापरवाही बतरने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया। इस दौरान एक तीमारदार ने अस्पताल स्टाफ पर हाथ उठा दिया। इसके साथ ही तीमारदार डॉ.रविदेव की तरफ बढ़े और उनका हाथ पकड़कर जबरन वेटिंग हॉल में लेकर आए, जहां उनके साथ जमकर मारपीट की गई। डॉ. रविदेव का आरोप है कि तीमारदारों ने उनके सिर पर कुर्सी मारने के साथ ही लोहे की रॉड से हमला किया गया। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में तीमारदारों की करतूत कैद हो गई। इसके बाद पूर्व प्रोफेसर ने गोमतीनगर विस्तार थाने में तीमारदारों के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई। प्रभारी निरीक्षक सुधीर अवस्थी ने बताया कि डॉक्टर से मारपीट करने वाले तीमारदारों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। गिरफ्तारी के डर से तीमारदार अपने-अपने घर से फरार चल रहे हैं। पुलिस टीमें आरोपितों के रिश्तेदारों के अलावा उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
आईएमए ने हड़ताल की दी चेतावनी
केजीएमयू के पूर्व प्रोफेसर की पिटाई के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पुलिस उपायुक्त पूर्वी (डीसीपी ईस्ट) प्रबल प्रताप सिंह से मुलाकात कर नाराजगी जाहिर की है। एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि इस तरह की हो रही घटनाओं से शहर के तमाम अस्पतालों के डॉक्टर सहमें हुए हैं। कहाकि, तीमारदारों की पिटाई से डॉ. रविदेव की पसलियों फैक्चर हा गया । इस दौरान आईएमए के सदस्यों ने डीसीपी से आरोपितों की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग की है। कहाकि अगर आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो प्रदेश तमाम डॉक्टर हड़ताल पर बैठ जाएंगे। जिस तरह से डॉक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं, उन पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।