नई दिल्ली , संवाद पत्र । अंग्रेजी के मशहूर कवि और पूर्व आईपीएस अधिकारी केकी एन. दारूवाला का लंबी बीमारी और निमोनिया के बाद 87 वर्ष की आयु में दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनकी बेटी अनाहिता कपाड़िया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भारत के सबसे प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखकों में से एक दारूवाला का निधन बृहस्पतिवार रात हुआ।
कपाड़िया ने बताया, “उन्हें एक साल पहले स्ट्रोक हुआ था और तब से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। स्ट्रोक से जुड़ी समस्याएं थीं। लेकिन इस बार स्ट्रोक नहीं पड़ा था बल्कि निमोनिया से उनकी मृत्यु हुई।” लघु कथाओं के लिए भी प्रसिद्ध दारूवाला के परिवार में दो बेटियां अनाहिता और रूकवेन, दामाद और चार नाती-नातिन हैं। अंतिम संस्कार शुक्रवार को शाम 4:30 बजे खान मार्केट के निकट पारसी आरामगाह में किया जाएगा।
साल 1937 में लाहौर में जन्मे दारूवाला ने लुधियाना के गवर्नमेंट कॉलेज से पढ़ाई की। 1958 में वह भारतीय पुलिस सेवा (उत्तर प्रदेश कैडर) में शामिल हुए और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री चरण सिंह के विशेष सहायक बने। बाद में उन्हें रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में नियुक्त किया गया, जहां वह पदोन्नति मिलने के बाद रॉ के सचिव बने। भले ही उन्होंने पुलिस और बाद में रॉ में करियर बनाया, लेकिन साहित्य के प्रति लगाव से ही उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली।
दारूवाला की कविता की पहली पुस्तक, “अंडर ओरियन” 1970 में प्रकाशित हुई थी। दो साल बाद, उन्हें अपनी दूसरी पुस्तक “अपैरिशन इन अप्रैल” के लिए उत्तर प्रदेश राजकीय पुरस्कार मिला। उन्हें 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला था। हालांकि उन्होंने “लेखकों के खिलाफ हिंसा करने वाले कुछ वैचारिक संगठनों के विरुद्ध आवाज उठाने में साहित्य अकादमी के विफल रहने” पर अक्टूबर 2015 में यह पुरस्कार लौटा दिया था।