रबी फसल से होगी कार्यों की शुरुआत, किसानों को मिलेगी मदद
लखनऊ, संवाद पत्र । प्रदेश में दीनदयाल अन्त्योदय योजना के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाएं ”कृषि सखी” के रूप में जैविक व कृषि पारिस्थितिकी खेती को बढ़ावा देंगी। विभाग ने किसानों की मदद के लिए 269 कार्यक्रमों के माध्यम से 7634 कृषि सखी को विशेष प्रशिक्षण दिया है। इनके कार्य रबी फसल से शुरू होंगे। यह साथ किसान पाठशाला में प्रतिभाग करके किसानों को खेती की विधि व योजनाएं बताएंगी। साथ ही प्रक्रिया कराकर लाभ दिलाएंगी। कृषि सखी फसलों का डिजिटल क्रॉप सर्वे करेंगी। मिट्टी के नमूने लेकर परीक्षण कराकर किसानों को स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड भी बांटेंगी। इससे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय दोनों के उद्देश्य की पूर्ति होगी। शासन ने कृषि सखी के कार्य व मानदेय निर्धारित करके जिलों में आवंटित करने के निर्देश जारी किए हैं।
सर्वे में प्रति खसरा पांच रुपये व गोष्ठी में मिलेंगे 500 रुपये
कृषि सखी को किसान पाठशाला, गोष्ठी व अन्य कार्यक्रमों में संबोधन पर 500 रुपये प्रति सत्र मिलेंगे। जबकि डिजिटल क्रॉप सर्वे में प्रति खसरा पांच रुपये व मिट्टी का नमूना एकत्र करना व परीक्षण के बाद स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड बांटने पर 15 रुपये प्रति नमूना दिया जाएगा। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत संरक्षित खेती, जीरो जुताई, वर्मी कंपोस्ट पर प्रशिक्षण करने पर 400 रुपये प्रति पाठशाला प्रतिमाह दिया जाएगा।
सम्मान निधि की कराएंगी ई-केवाईसी, फसल बीमा भी
कृषि सखी कृषि, उद्यान, पशुपालन, रेशम, भूगर्भ जल आदि विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगी। जो अब प्रधानमंत्री फसल बीमा का प्रचार प्रसार करके कराएंगी। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पंजीकरण और ई-केवाईसी कराएंगी। किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ बताकर बनवाएंगी। उपज का मूल्यांकन भी करेंगी।