कासगंज, संवादपत्र । स्थानीय स्तर पर न्याय के लिए पहल की। न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन मामले में देरी होती रही तो चुनावी याचिका के जल्द निस्तारण के लिए पीड़ित पक्ष ने उच्च न्यायालय का सहारा लिया। अब उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए कड़ा संज्ञान लिया है और छह माह में यह यचिका निस्तारित करने के आदेश जारी दिए हैं। इसके बाद पीड़ित पक्ष को बल मिलता दिखाई दिया है।
मामला नगर पंचायत सिढ़पुरा से जुड़ा हुआ है। यहां की कामिनी गुप्ता ने स्थानीय जिला न्यायालय में याचिका दायर की। उन्होंने जिला जज न्यायालय में दायर याचिका में कहा कि फर्जी वोटिंग कराई गई। मृतकों की वोट डलवाए गए। यह सब नगर निकाय के मतदान के दौरान हुआ। मतगणना के परिणाम में कंचन गुप्ता को विजयी घोषित किया गया। पुन: सभी बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए निर्णय सुनाया जाए और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाया जाए। यह याचिका पिछले साल दायर की गई। उसमें लिखा कि पिछले साल मई माह में संपन्न हुए निकाय चुनाव में गड़बड़ी हुई है। स्थानीय स्तर पर मामले में गंभीरता से सुनवाई का आग्रह किया जाता रहा, लेकिन पीड़ित पक्ष को राहत नहीं मिली। फिर महिला ने उच्च न्यायालय का सहारा लिया।
अब मामले में उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया। दोनों पक्षों को सुनने के आदेश जारी करने के साथ ही छह महीने में निर्णय लेने का आदेश दिया है। पीड़ित पक्ष ने उम्मीद जताई है कि उसे न्याय मिल सकेगा।