कानपुर, संवाद पत्र । वक्फ संशोधन बिल पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पास 6 करोड़ लोगों ने विरोध दर्ज किया है। केंद्र सरकार ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की है जिसने लोगों से राय मांगी थी। 1.25 करोड़ लोगों ने जेपीसी से अपना विरोध जताया है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य एवं आल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत के राष्ट्रीय महामंत्री प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान ने कहा है कि जेपीसी ने बिल वापस लिया तो ठीक, वरना 22-23 नवंबर को बेंगलुरु में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में आगे की रणनीति तय होगी। उन्होंने दावा किया कि एनडीए में शामिल घटकदल के नेता चिराग पासवान जैसे कई बड़े नेता वक्फ संसोधन बिल को लेकर मुसलमानों के पक्ष में खड़े हैं।
मंथन करेगा पर्सनल लॉ बोर्ड
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुल्क के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए 23 और 24 नवंबर को बेंगलुरु में राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया है जिसमें बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत सभी पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, देशभर के बुद्धिजीवी, डॉक्टर, शिक्षक शामिल होंगे। अधिवेशन में मंथन होगा कि इस नाजुक दौर से कैसे निकला जा सकता है।
नई दिल्ली में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता बोर्ड के राष्ट्रीय महासिचव मौलाना मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजद्दी ने की। मौलाना ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ देश का मुसलमान एक प्लेटफार्म पर है। बोर्ड के सचिव मौलाना मोहम्मद उमर बिन महफूज रहमानी ने कहा कि अधिवेशन में वक्फ संसोधन बिल, धर्मस्थलों पर चलाए जा रहे बुलडोजरों समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
बैठक में बोर्ड सदस्य मौलाना तनवीर हाशमी, मौलाना मोहम्मद मकसूद, आसिम अफसोज सेठ, डॉक्टर अब्दुल कदीर खां, सिराज इब्राहीम सेठ आदि ने विचार रखे। जमीअत उलमा-ए-हिंद, जमाअत इस्लामी समेत कई मुस्लिम संगठनों ने शिरकत की।