कानपुर :-रेलवेकर्मी के शरीर पर मिली चोटों के निशान…आंतरिक रक्तस्राव से गई जान, हमसफर एक्सप्रेस में किशोरी से की थी छेड़छाड़

By Sanvaad News

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कानपुर, संवाद पत्र । हमसफर एक्सप्रेस के एची कोच में किशोरी से छेड़छाड़ करने पर पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे गए रेलवे कर्मी 34 वर्षीय प्रशांत कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरे शरीर पर 15 से ज्यादा चोटें मिली हैं। सिर, गला, हाथ-पीठ, कंधे पर चोटों के निशान पाए गए हैं। पसलियां भी टूटी मिलीं। आंतरिक रक्तस्त्राव से मौत की पुष्टि हुई है। गुरुवार देर रात 11.30 बजे पैनल से शुरू हुआ पोस्टमार्टम तड़के 4 बजे तक चला। बिधनू सीएचसी के डॉ अवधेश यादव, सरसौल सीएचसी के डॉक्टर विशाल गौतम ने चोटों की पुष्टि की है।  

बरौनी से नई दिल्ली जा रही 02563 हमसफर (क्लोन एक्सप्रेस) के एसी कोच में सफर कर रहे समस्तीपुर चंदन पट्टी थाना सकरा बिहार निवासी रेलवे कर्मी प्रशांत कुमार ने चलती ट्रेन में बुधवार आधी रात किशोरी से छेड़खानी की। मां ने यह बात कोच के यात्रियों को बताई तो यात्रियों ने रेल कर्मी को पीटना शुरू कर दिया।

लखनऊ ऐशबाग से सेकर कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक उसे पीटा गया। कंट्रोल की सूचना पर जीआरपी कानपुर सेंट्रल ने आरोपी कर्मी को ट्रेन से उतार कर हिरासत में लिया। पुलिस ने आरोपी को मेडिकल के लिए केपीएम अस्पताल भेजा, जहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। जीआरपी ने रात में ही पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। 

2 साल से पत्नी रह रही है अलग

जीआरपी की जांच में सामने आया है कि रेलवे कर्मी प्रशांत कुमार की मौत की जानकारी परिजनों को दी गई तो पता चला कि पिछले 2 वर्ष से उसकी पत्नी छोटी बेटी के साथ अलग रह रही है। पिता की पहले मौत हो चुकी है। उसके चाचा ने जीआरपी को बताया कि प्रशांत कभी-कभी अजीब हरकत कर बैठता था। इसी का कारण है कि उसकी पत्नी भी उसके साथ रहने को तैयार नहीं थी। अकेला रहने के कारण इसकी यह हरकतें बढ़ रही थीं। 

फुसलाकर अपनी सीट पर बैठा लिया था 

बुधवार देर रात एम-1 कोच के सीट नंबर 12 से 15 पर सफर कर रहे एक परिवार की 11 वर्षीय बेटी को रेलवे कर्मी प्रशांत कुमार ने बहला-फुसलाकर अपनी सीट पर बैठा लिया था। आरोपी ने उससे छेड़छाड़ की। किशोरी ने मां को जानकारी दी थी। 

मृतक आश्रित में मिली थी नौकरी

जीआरपी की जांच में पता चला कि छेड़खानी का आरोपी प्रशांत कुमार के पिता अरुण कुमार रेलवे कर्मी थे। सेवाकाल में उनकी मौत होने पर उसे मृतक आश्रित में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिली थी। अभी उसकी लंबे कार्यकाल की नौकरी बची हुई थी।

रेल कर्मी के परिजनों ने नहीं दी तहरीर

छेड़छाड़ के आरोपी रेलवे कर्मी प्रशांत कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जीआरपी सेंट्रल ने उसकी तैनाती स्थल मुजफ्फरपुर भेजी है। घटना का पूरा ब्योरा भी भेजा है। लखनऊ ऐशबाग जीआरपी को मुकदमा हस्तांतरित कर दिया गया है। रेलवे कर्मी प्रशांत के परिजनों ने जीआरपी में कोई तहरीर नहीं दी है। जीआरपी के अनुसार परिजन प्रशांत की गलती को स्वीकार कर चले गए। पुलिस ने भी अपनी तरफ से कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

किशोरी की मां ने जीआरपी थाने में जीआरपी प्रभारी ओएन सिंह को बताया था कि टायलेट से लौटने के बाद जब बच्ची ने रोते हुए पूरी बात बताई तो मैं खुद आरोपी रेलवे कर्मी की सीट पर गई और चादर उठाकर पूछा कि शर्म नहीं आती है। लेकिन उसे किसी तरह का मलाल या शर्म नहीं आई। बातचीत में आसपास के लोग जाग गए। इसके बाद ट्रेन का चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ स्कॉर्ट आधे घंटे बाद आया, लेकिन तब तक ट्रेन ऐशबाग पार कर चुकी थी। जानकारी होने पर स्टाफ ने कंट्रोल पर मैसेज किया और बुधवार सुबह 4.35 बजे आरोपी को कानपुर सेंट्रल पर जीआरपी ने ट्रेन से उतारा।

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