बाराबंकी, संवादपत्र । जिले में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे एससी-एसटी के युवाओं को अब ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ेगी। समाज कल्याण विभाग दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में बड़े बदलाव किया है। इसे लेकर विभाग तैयारियों में जुटा है। शासन के इस आदेश से एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
अनुसूचित जाति-जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की प्रतिपूर्ति समाज कल्याण विभाग करता है। पहले एससी-एसटी के छात्रों को जीरो फीस पर दाखिले की व्यवस्था थी, लेकिन बड़े पैमाने पर घपले सामने आने के बाद शासन ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से छात्र-छात्राओं को पूरी फीस जमा करनी पड़ती थी। बाद में समाज कल्याण विभाग बच्चों को शुल्क प्रतिपूर्ति भेजता था। यह योजना बंद होने के बाद से इन छात्र-छात्राओं को एकमुश्त फीस जमा करने के लिए किसी न किसी से उधार लेना पड़ता था। हालांकि अब शासन स्तर से इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
अब छात्रवृत्ति के ऑनलाइन आवेदन के समय अर्हता पूरी करने वाले एससी-एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए फ्री-शिप कार्ड जेनरेट हो जाएगा। इससे दाखिले के समय जमा की जाने वाली ट्यूशन फीस से छात्र-छात्राओं को निजात मिल जाएगी। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन के समय छात्र को आय व जाति प्रमाण पत्र का नंबर भरना होगा। नंबर भरते ही इन प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन सत्यापन हो जाएगा। आधार नंबर डालने पर ऑनलाइन प्रमाणीकरण के बाद फ्री-शिप कार्ड जेनरेट हो जाएगा। प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति के पोर्टल को ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन से जोड़ने जा रही है। केंद्र सरकार की यह संस्था कक्षा-12 से ऊपर के काॅलेज को एक कोड देती है।
ऐसे में काॅलेज को यह कोड छात्रवृत्ति पोर्टल पर भरना होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी सुषमा वर्मा ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में ही संबंधित शिक्षण संस्थाआें को अवगत कराया जा चुका है। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को फायदा पहुंचेगा।
एमबीए, एमसीए व एमबीबीएस करने वालों की होगी बचत
सरकार की इस योजना से बीटेक के छात्रों को 55 हजार से एक लाख रुपये तक का फायदा होने वाला है। उन्हें ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ेगी। एमबीए व एमसीए में दाखिला लेने वाले युवाओं का भी 50 से 80 हजार रुपये तक शुल्क बचेगा। इसी प्रकार सरकारी काॅलेजों में एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले एससी-एसटी के छात्र-छात्राओं को करीब 35 हजार रुपये तक की ट्यूशन फीस की बचत होगी।