एशियाई खेलों में युवा फॉरवर्ड गुरजोत सिंह का पर्दापण सपने जैसा, बोले-हरमनप्रीत सिंह ने मुझे आश्वस्त किया 

By Sanvaad News

Published on:

Follow Us

बेंगलुरु। युवा फॉरवर्ड गुरजोत सिंह ने कहा कि हाल ही में चीन के मोकी में हीरो एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में उनका भारतीय पुरुष हॉकी टीम में पदार्पण सपने के पूरा होने जैसा है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में ट्रायल के दौरान गुरजोत का प्रदर्शन आकर्षक रहा। उन्होंने हीरो एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 के सभी सात मैच खेले, हालांकि वह गोल नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने खुद को बेहतर साबित करने के लिए मैदान पर समर्पण और कड़ी मेहनत दिखाई। 

गुरजोत ने कहा, “सीनियर टीम का माहौल बहुत अच्छा है सभी सीनियर बड़े भाइयों की तरह हैं जो अधिकतर समय माहौल को हल्का रखते हैं। एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में यह मेरे लिए एक स्वप्निल पदार्पण था। मैं चीन के खिलाफ खेलने के लिए उत्साहित था मुझे लगा कि मैं अपने पदार्पण पर एक गोल करूंगा लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। मैंने खेल में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। खेल से पहले हरमनप्रीत सिंह ने मुझे आश्वस्त किया कि ज्यादा सोचने या डरने की जरूरत नहीं है। मुझे बस वैसे ही खेलना है जैसे मैं आमतौर पर शिविर में खेलता हूँ, आजादी से खेलना है और गलतियाँ करने के बारे में नहीं सोचना है 

उन्होंने मुस्कान के यादों के झरोखे में जाते हुए कहा, दुर्घटना के बाद, मुझे कुछ सालों तक थोड़ी कमज़ोरी रही, लेकिन जब मैं 10 साल का हुआ, तो मैं पूरी तरह से ठीक हो गया और पास के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने लगा। स्कूल में मैंने देखा कि हॉकी खेलने वाले बच्चों को थोड़ी ज़्यादा आज़ादी मिलती थी। वे क्लास में देर से आते थे और अभ्यास के लिए थोड़ा जल्दी चले जाते थे, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न इस खेल में हाथ आजमाया जाए।

 गुरजोत पंजाब के हुसैनाबाद गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता दूध का काम करते हैं और माँ गृहिणी हैं और उनकी बहनें अपनी पढ़ाई कर रही हैं। बचपन में गुरजोत बहुत शरारती थे। जब वे छह साल के थे तब साइकिल दुर्घटना में उन्हें चोट लग गई थी। दुर्घटना में उनके सिर के पिछले हिस्से में सात टांके लगे थे। उन्हें घर खर्च चलाने के लिए चप्पल बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना पड़ा। वह सुबह अभ्यास करता और रात में काम करते थे। राउंडग्लास हॉकी अकादमी के खिलाड़ी के रूप में गुरजोत ने भोपाल में पहली हॉकी इंडिया जूनियर पुरुष अकादमी राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2021 में खेला और भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम में जगह बनाने के लिए चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। तब से वह 2023 सुल्तान ऑफ जोहोर कप, पुरुष हॉकी एशिया कप सलालाह 2023, एफआईएच हॉकी विश्व कप ओमान 2024 और हाल ही में हीरो एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में खेल चुके हैं। 

12वें सुल्तान ऑफ जोहोर कप 2024 और पुरुष जूनियर एशिया कप मस्कट 2024 के आसन्न होने के साथ, गुरजोत ने अपना ध्यान वापस जूनियर टीम पर केंद्रित कर लिया है। उन्होंने कहा, “हीरो एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी सीखने का एक अच्छा अनुभव था, मुझे सीनियर टीम की मांगों के बारे में पहले से पता चला। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मेरे लिए एक स्वप्निल शुरुआत थी, क्योंकि हमने सभी मैच जीते और खिताब भी जीता लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है और बहुत कुछ सुधार करना है। मुझे सर्कल में अपनी हरकतों पर काम करना होगा, विरोधियों पर दबाव बनाने में तेज होना होगा और गेंद पर अपनी गति बढ़ानी होगी।” 

उन्होंने कहा, “मेरे माता-पिता ने कठिन समय देखा हैं लेकिन उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है। चीन में हमारी जीत के बाद हमें जो नकद पुरस्कार मिला है, उससे मुझ पर उनके विश्वास को बल मिला। 12वां सुल्तान जोहोर कप 2024 और पुरुष जूनियर एशिया कप मस्कट 2024 जल्द ही शुरु होने वाले और मैं अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सीनियर टीम के साथ सीखी गई चीजों को लागू करना चाहता हूं।

Sanvaad News

आपका स्वागत है संवाद पत्र में, जहाँ हम आपको ताज़ा खबरों और घटनाओं से अवगत कराते हैं। हमारी टीम हर समय तत्पर है ताकि आपको सबसे सटीक और नवीनतम समाचार मिल सकें। राजनीति, खेल, मनोरंजन, व्यवसाय, और तकनीक से संबंधित खबरें पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहें। संवाद न्यूज़ - आपकी आवाज़, आपकी खबर।

Leave a Comment