बेरूत। ईरान के नये राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद हमास नेता इस्माइल हनियेह की हत्या कर दी गई। ईरान और उग्रवादी समूह हमास ने बुधवार तड़के यह जानकारी दी। हमास ने अपने राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख की मौत के लिए इजराइल के हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया।
वहीं, ईरान के अर्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने कहा कि वह हनियेह की हत्या की जांच कर रहा है। उसने यह नहीं बताया कि हत्या कैसे हुई और हनियेह को किसने मारा। फिलहाल किसी ने भी हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसका शक इजराइल पर है, जिसने सात अक्टूबर को देश में हुए अप्रत्याशित हमले को लेकर हनियेह और हमास के विभिन्न कमांडरों को मारने का संकल्प लिया था।
इजराइल ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हमास ने बताया कि हनियेह समूह के अन्य अधिकारियों और हिजबुल्ला तथा सहयोगी समूहों के अन्य अधिकारियों के साथ ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए तेहरान में था। उसने बताया कि हनियेह तेहरान में अपने आवास पर यहूदी हवाई हमले में मारा गया।
हमास ने एक बयान में कहा, ‘‘हमास फलस्तीन के महान लोगों और अरब तथा इस्लामिक देशों के लोगों तथा दुनियाभर के सभी आजाद लोगों के लिए भाई इस्माइल हनियेह को शहीद घोषित करता है।’’ हमास के अधिकारियों ने अभी इस पर और कोई टिप्पणी नहीं की है। वेस्ट बैंक में फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हनियेह की हत्या की निंदा करते हुए इसे ‘‘कायरतापूर्ण कृत्य और खतरनाक घटनाक्रम’’ बताया।
हनियेह ने 2019 में गाजा पट्टी छोड़ दी थी और कतर में निर्वासन में रह रहा था। गाजा में हमास का शीर्ष नेता येह्या सिनवार है, जिसने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमले की साजिश रची थी। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। अप्रैल में गाजा में इजराइल के हवाई हमले में हनियेह के तीन बेटे और चार पोते-पोती मारे गए थे।
हनियेह की हत्या ऐसे वक्त में हुई है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन हमास और इजराइल को एक अस्थायी संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई संबंधी समझौते पर राजी करने का प्रयास कर रहा है। अभी व्हाइट हाउस ने हनियेह की हत्या पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस बीच, इराक की ‘पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज’ ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम बगदाद में एक अड्डे पर मंगलवार रात को हुए हमले में कताइब हिजबुल्ला मिलिशिया के चार सदस्य मारे गए। पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज, ईरान समर्थित मिलिशिया का एक गठबंधन है। समूह ने इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है।