लाहौर। जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले साल नौ मई को हुए अप्रत्याशित उपद्रव से जुड़े दर्जनों मामलों की लाहौर पुलिस द्वारा की जा रही जांच के तहत पॉलीग्राफ (एक प्रकार की झूठ पकड़ने वाली जांच) और आवाज मिलान परीक्षण कराने से इनकार कर दिया है। बारह सदस्यीय फोरेंसिक टीम क्रिकेटर से नेता बने 71 वर्षीय इमरान खान का पोलीग्राफ परीक्षण करने मंगलवार को अडियाला जेल पहुंची थी।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 19 करोड़ पाउंड के भ्रष्टाचार के मामले में पिछले साल जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान को गिरफ्तार किया था तब नौ मई को देशभर में उपद्रव हुए थे। इमरान खान 200 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं और वह पिछले साल अगस्त से जेल में हैं। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खबर दी है कि एक पुलिस उपाधीक्षक की अगुवाई में लाहौर पुलिस का एक दल (पोलीग्राफ और आवाज मिलान) परीक्षण करने आडियाला जेल पहुंचा था। इस अखबार के अनुसार उनके साथ पंजाब अपराध जांच विज्ञान एजेंसी (पीएफएसए) के विशेषज्ञ भी थे। इन पीएफएसए विशेषज्ञों को पूर्व प्रधानमंत्री का पोलीग्राफ, आवाज मिलान परीक्षण और ‘फोटोग्रेमेट्री’ परीक्षण करने थे।
‘नेशन’ अखबार की खबर है कि पीटीआई संस्थापक ने 15 मिनट तक पुलिस के प्रश्नों का उत्तर दिया लेकिन उन्होंने पंजाब अपराध जांच विज्ञान एजेंसी के दल के पोलीग्राफ एवं अन्य परीक्षण से गुजरने इनकार कर दिया। इस अखबार के मुताबिक इमरान खान ने कहा कि विभिन्न संगठनों द्वारा उनकी जांच की जा रही है और पिछली जांच के पूरा हो जाने के बाद ही वह पुलिस को समय देंगे। ‘
डॉन’ अखबार की खबर है कि पुलिस अधिकारियों ने उससे नौ मई के उपद्रव के विभिन्न पहलुओं के बारे में पूछताछ की। नौ मई को इस उपद्रव के दौरान लाहौर कोर कमांडर के आवास, सैन्य प्रतिष्ठानों एवं सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया गया था। इस अखबार के मुताबिक जेल से लौटने के बाद, पुलिस टीम और पीएफएसए विशेषज्ञों ने लाहौर के डीआईजी (जांच) जीशान असगर को खान के असहयोग के बारे में बताया। अब अगले दौरे की रणनीति बनाने के लिए अभियोजन विभाग से परामर्श लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक में इस मामले पर चर्चा की जाएगी।