इजरायल :ने हिजबुल्लाह के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है और उसके मिसाइल यूनिट के कमांडर और उसके डिप्टी को मार गिराया है। हालही में इजरायल ने मिसाइल और रॉकेट फोर्स के प्रमुख आतंकवादी इब्राहिम मुहम्मद कबीसी को मार गिराया था।
यरुशलम: इजरायल द्वारा लेबनान पर ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं। दक्षिणी लेबनान में इजरायल ने हिजबुल्लाह को बड़ा झटका दिया है और हिजबुल्लाह की मिसाइल यूनिट के कमांडर और उनके डिप्टी को मार गिराया है। इजरायल रक्षा बल ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ये जानकारी दी है।
इजरायल रक्षा बल ने क्या कहा?
इजरायल रक्षा बल ने कहा कि दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की मिसाइल यूनिट के कमांडर मुहम्मद अली इस्माइल और उनके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल को इजरायल द्वारा एक सटीक हवाई हमले में मार गिराया गया है। अली इस्माइल इजरायल राज्य के खिलाफ कई आतंकवादी हमलों को निर्देशित करने के लिए जिम्मेदार था, जिसमें बुधवार को इजरायली क्षेत्र की ओर रॉकेट दागना और मध्य इजरायल की ओर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का प्रक्षेपण शामिल था।
ये कार्रवाई हिजबुल्लाह की मिसाइल और रॉकेट फोर्स के प्रमुख आतंकवादी इब्राहिम मुहम्मद कबीसी के साथ-साथ इस इकाई के अन्य वरिष्ठ कमांडरों के खात्मे के बाद हुई है।
हालही में हिजबुल्लाह के मुख्यालय को बनाया था निशाना
इससे पहले लेबनान की राजधानी बेरूत के घनी आबादी वाले दक्षिणी उपनगरों में से एक पर इजरायल द्वारा हवाई हमले किए गए थे। ये हमला हिजबुल्लाह के एक टॉप कमांडर के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़ के एक घंटे बाद हुआ था। हिजबुल्लाह के अल-मनार टेलीविजन के अनुसार, दहिया के हरेत हरीक इलाके में चार इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं थीं। खबर में कहा गया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इससे बेरूत से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित इमारतें भी हिल गईं।
इजरायल की सेना ने ये जानकारी दी थी कि उसने बेरूत में हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर हमला किया। इजरायली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने टेलीविजन पर इस बात की जानकारी दी थी। बता दें कि बेरूत में हुए विस्फोट के बाद आसमान में नारंगी और काले रंग के धुएं का गुबार छा गया गया। यह हमला उस दिन किया गया था, जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित किया था। इजरायल के तीन प्रमुख टीवी चैनलों के अनुसार हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाने के लिए ये हमले किए गए थे। हालांकि, सेना ने इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया था।