तिरुवनंतपुरम। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक जिला स्तरीय सदस्य सहित 14 लोगों को वर्ष 2010 में कोल्लम जिले के अंचल में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के एक नेता की हत्या के मामले में दोषी ठहराया है।
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश राजीव के. एस. ने 25 जुलाई को गिरीश, अफसल, नजूमल, शिबू, विमल, सुधीश, शान, रथीश, बीजू, रंजीत, सैली और मुनीर को भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक साजिश और हत्या के अपराधों का दोषी पाया। अदालत ने उनके जमानत मुचलके रद्द कर दिए और उन्हें जेल भेज दिया। अब उन्हें 30 जुलाई को सजा सुनाने के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
अदालत ने सुमन पी. एस. और माकपा की कोल्लम जिला समिति के सदस्य बाबू पणिक्कर को भी भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत अपराधी को शरण देने के अपराध के लिए दोषी ठहराया, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। दोनों को सजा पर सुनवाई के लिए 30 जुलाई को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया गया।
मामले में दोषी ठहराए गए 14 लोगों के अलावा रियाज, मार्कसन येसुदास, जयमोहन और रॉयकुट्टी को बरी कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार इंटक नेता रामभद्रन की 2010 में उनके घर में उनके परिवार के सामने हत्या कर दी गई थी।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि हमलावर 10 अप्रैल 2010 की रात को उनके घर में घुस आए थे और उनकी पत्नी और दो बच्चों के सामने उनकी हत्या कर दी थी। बाद में पीड़ित परिवार द्वारा केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की मांग करने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।