आगरा‚ संवाद पत्र। उत्तर प्रदेश के आगरा में बाह बटेश्वर की रहने वाली 18 साल की मोहिनी गोस्वामी ने कानपुर के उन गोताखोरों के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है, जिन्होंने गंगा नदी में डूब रहे आईएएस आदित्य वर्धन सिंह को बचाने के लिए 10 हजार रुपयों की डिमांड कर दी थी। खुद को पेशेवर गोताखोर बताने वाले तब तक गंगा नदी में नहीं उतरे जब तक कि उनके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं किये गए। वहीं आगरा की मोहिनी ने गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान डूब रहे युवकों को अकेले बचाकर किनारे ले आई। मोहिनी ने जिस बहादुरी का परिचय दिया वह समाज में इंसानियत के जज्बे का प्रतीक है।
दरअसल, 17 सितंबर की शाम को बटेश्वर के रानी घाट पर पूजा सामग्री की दुकान चलाने वाली मोहिनी ने यमुना नदी में दूक रहे चार युवकों को बचाया था। डूब रहे युवकों की चीख पुकार सुनकर मोहिनी ने बिना एक पल गंवाए यमुना में छलांग लगा दी और एक-एक कर सभी को बाहर निकाल लिया। मोहिनी के इस साहस को देखने के बाद मंदिर प्रबंधन ने उसे सम्मानित भी किया।
बचपन से ही कर रही है तैराकी
मोहिनी ने बताया कि वह बचपन से ही यमुना नदी में तैराकी करती आ रही है। लगातार अभ्यास की वजह से वह तैराकी में माहिर हो चुकी है। उसे तैराकी हर गुर पता हैं। जब उसने लोगों की चीख-पुकार सुनी और युवकों को डूबते हुए देखा तो यमुना में छलांग लगा दी। इसके बाद सभी को बचाकर किनारे ले आई‚ मोहिनी ने कहा कि उसे अच्छा लग रहा है कि उसकी तैराकी किसी की जान बचाने में काम आ सकी। अगर मोहिनी जैसी ही सोच कानपुर के गोताखोरों की होती तो यूपी के आईएएस आदित्य वर्धन की जान भी बच जाती। कई दिन गुजर जाने के बाद भी परिवार को उनकी बॉडी नहीं मिली है।