बड़ागांव/अयोध्या, संवादपत्र । मौजूदा समय में गन्ने की फसल के लिए तीन बड़े रोग अपना प्रचंड रूप दिखाकर किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। यह रोग गन्ने की फसलों पर पोकका बोइंग, रेड राड, टॉप बोरर के रूप में देखे जा रहे हैं।
रौजागांव चीनी मिल कर्मियों ने सोहावल तहसील क्षेत्र के देवराकोट, गोढ़वा, मुबारकगंज, बसहा, महोली, लोधे का पुरवा, सहित एक दर्जन गांवों में निरीक्षण करते हुए बताया कि पोकका बोइंग रोग में गन्ने की पत्तियां आपस में लिपट जाती है। जिससे गन्ने का विकास रुक जाता है और पैदावार कम हो जाता है। रेड राड रोग गन्ने के लिए सबसे घातक रोग होता है जो बीच की पत्तियों को सुखाने लगता है और सड़न पैदा कर और भी पेड़ों को प्रभावित करता है।
टॉप बोरर रोग गन्ने की पत्तियों पर छरे छरे के निशान बन पत्तियों में छेद कर देते हैं और गन्ने की पौध के विकास को पूरी तरह अवरोध पैदा कर देता है और गन्ने की लंबाई और मोटाई कम हो जाती है। वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक विनय सिंह, गंगा दुबे, सूरज मिश्रा ने बताया किसानों की फसलों पर लगी बीमारी पर छिड़काव कराया जा रहा है।