अमरोहा ,संवाद पत्र । उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में मंगलवार की सुबह एक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी. मृतक प्रधानाचार्य संजीव कम्पॉजिट स्कूल के प्रिंसिपल थे. उन्होंने आत्महत्या करने से पहले 18 पेज का सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है. सुसाइड नोट में स्कूल के दो शिक्षक और बीएसए को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रिंसिपल ने अपना दर्द बयां किया है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में मंगलवार की सुबह एक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी. मृतक प्रधानाचार्य संजीव कम्पॉजिट स्कूल के प्रिंसिपल थे. उन्होंने आत्महत्या करने से पहले 18 पेज का सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है. सुसाइड नोट में स्कूल के दो शिक्षक और बीएसए को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रिंसिपल ने अपना दर्द बयां किया है. प्रधानाचार्य सुबह जल्दी स्कूल आ गए थे. उन्होंने स्कूल ऑफिस में ही फांसी लगाई है. घटना की जानकारी तब हुई जब शिक्षक ओर बच्चे स्कूल पहुंचे।
स्कूल में प्रिंसिपल के सुसाइड की खबर के बाद पुलिस और प्रशासन के सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे, वहीं घटना को गंभीरता से देखते हुए पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर कमरे की जांच की. फिलहाल कमरे को सील कर दिया गया है.
18 पन्ने का सुसाइड नोट
प्रिंसिपल संजीव गजरौला इलाके के सुल्तानठेर गांव में कम्पॉजिट स्कूल के प्रधानाचार्य थे. प्रधानाचार्य का स्कूल के ही किसी साथी टीचर से विवाद चल रहा था. घटना के बाद सैकड़ों ग्रामीण मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. संजीव कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा की मैं राघवेंद्र सिंह, सरिता सिंह और बीएसए मैडम से दुखी होकर आत्महत्या कर रहा हूं. राघवेंद्र और सरिता मेरे साथ गाली गलौज करते हैं, उनकी यातनाओं से तो मरना अच्छा है, मैं उनकी दबंगई 2 अप्रैल 2019 से झेल रहा हूं. मैं इनकी जांच सीबीआई से करवाना चाहता हूं. उन्होंने लिखा मेरी सभी अधिकारियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है की जांचकर्ता मुरादाबाद मंडल का ना हो क्योंकि उनकी दबंगई पूरे मंडल में चलती है. प्रताड़ना की सारी दास्तां सुसाइड रजिस्टर में लिखी है जो 18 पेज का है जब तक डीएम साहिबा और बीएसए मैडम न आएं तब तक मेरी बॉडी को छूना नहीं. मेरे पास स्कूल का कोई सामान नहीं है. दोनों टैबलेट, नई वाली अलमारी में रखे हैं. परिमा शर्मा को स्कूल का इंचार्ज बनाना हैं वहीं सबसे सीनियर टीचर हैं।
मृतक के बेटे ने लगाई गुहार
मृतक के बेटे अनुज सिंह ने बताया कि स्कूल टीचर पिता को प्रताड़ित करते थे. हर रोज उनके साथ लड़ाई करते थे. बेटे ने आगे बताया कि पिता आज घर से 7 बजे निकले थे. दूसरे टीचरों ने शव लटकता देखा जिसके बाद लोगों ने मुझे सूचना दी. पिता ने व्हाट्सएप पर मुझे मैसेज भी किया था लेकिन देखने से पहले डिलीट कर दिया था. कल रात से वो बहुत परेशान दिख रहे थे. हमने उनसे पूछा भी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया. बेटे ने सरकार से उनके पिता को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है।