ʺCongress on Adani Issue सेबी चीफ पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उधर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि देशभर में 22 अगस्त को कांग्रेस इसको लेकर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने सेबी चीफ का इस्तीफा मांगा है।ʺ
दिल्ली। अदाणी मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार से आर-पार के मूड में है। कांग्रेस ने अब इस मुद्दे को संसद से अब सड़क तक ले जाने का एलान किया है। कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन का एलान किया है।
दरअसल, हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को लेकर रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। इसको लेकर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। वेणुगोपाल ने एलान किया कि कांग्रेस देशभर में 22 अगस्त को प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने मामले को लेकर सेबी प्रमुख का इस्तीफा मांगा है। साथ ही पार्टी जेपीसी जांच की भी मांग कर रही है।
आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और राज्य अध्यक्षों सहित कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। बैठक में 56 नेताओं ने भाग लिया और उनमें से 38 ने कई बहुमूल्य सुझाव दिये। हमने अदाणी और सेबी से संबंधित घोटाले पर चर्चा की।हमने 22 अगस्त को देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है। यह प्रदर्शन दो मांगों को लेकर होगा। पहली मांग है कि सेबी प्रमुख का इस्तीफा हो और दूसरी मांग है कि अदाणी महाघोटाले की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाए।
राहुल गांधी करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
वहीं, इस मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी पीसी करने वाले हैं। राहुल ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि हमें इस पर गहराई से चर्चा करनी होगी। मैं जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में क्या है?
अमेरिका की शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच को लेकर सवाल उठाए थे। हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक ब्लाग पोस्ट में आरोप लगाया था कि अदाणी समूह की कंपनियों में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट आफशोर (विदेश में स्थित) फंड में माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की हिस्सेदारी थी। शॉर्ट-सेलर फर्म ने आरोप लगाया कि सेबी ने अदाणी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कार्रवाई में रुचि नहीं दिखाई है।