अंधेरगर्दी की हद: पीलीभीत में मुफ्त राशन पाने के लिए गरीब बन बैठे 600 धनवान.., अधिकांश आयकर दाता

By Sanvaad News

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पीलीभीत, संवादपत्र । मुफ्त राशन पाने के लिए जनपद के अमीर भी गरीब बन बैठे हैं। मामला पूर्ति विभाग से जुड़ा है। राशन कोटे की दुकानों पर सरकार की तरफ से मिलने वाला निशुल्क राशन गरीबों के लिए है। लेकिन, सैकड़ों ऐसे अमीर हैं, जो सांठगांठ कर गरीबों को मिलने वाला मुफ्त राशन डकार रहे हैं। धोखाधड़ी कर निशुल्क राशन लेने वाले कार्डधारकों की सूची शासन ने पूर्ति विभाग को भेजी है। अब सत्यापन के बाद ऐसे कार्डधारकों पर कार्रवाई की जाएगी, जो अमीर होते हुए भी गरीबों का हक मार रहे हैं।

जनपद में 3.50 लाख से अधिक राशन कार्डधारक हैं, जिनको प्रत्येक माह राशन दिया जाता है। इसमें पात्र गृहस्थी के करीब 3.43 और अंत्योदय के 36 हजार कार्डधारक है। शासन द्वारा गरीबों के लिए निशुल्क राशन योजना का संचालन किया जाता है। इसके तहत अंत्योदय कार्डधारकों को प्रत्येक माह 35 किलो और पात्र गृहस्थी कार्डधारक को प्रत्येक यूनिट पांच किलो निशुल्क राशन दिया जाता है। इसमें गेहूं और चावल का वितरण होता है।

इधर, गरीबों के इस हक पर अमीरों ने भी डाका डालना शुरू कर दिया है। सांठगांठ करके साधन संपन्न लोगों ने अपने राशन बनवा लिए हैं। इसमें सरकारी नौकरीपेशा, बड़े किसान, व्यापारी आदि शामिल हैं। आयकर विभाग की ओर से ऐसे लोगों की सूची शासन को भेजी गई जो इनकम टैक्स रिटर्न जमा करते हैं। इनमें 600 आयकर दाता समेत अन्य ऐसे लोग शामिल हैं, जो राशन कोटे की दुकानों से निशुल्क राशन ले रहे हैं। शासन ने 600 लोगों की सूची पूर्ति विभाग को भेजी है। सूची आने के बाद विभाग ने ऐसे लोगों की जांच शुरू कर दी है। अब ऐसे सभी कार्डधारकों का सत्यापन के बाद राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे।

आखिर कैसे बन जाते हैं अपात्रों के राशन कार्ड

जनपद में कई ऐसे पात्र हैं जिनका आज तक राशन कार्ड नहीं बना है। ऐसे में उनको सरकार की निशुल्क राशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पात्रता की श्रेणी में आने वाले अधिकांश लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन के बाद लगातार कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनके राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। विभाग लक्ष्य पूरा होने का हवाला देकर उन्हें टरका देता है। राशन कार्ड बनवाने के लिए आय सीमा निर्धारित है। शहरी क्षेत्र की तीन लाख और ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वालों की वार्षिक आय दो लाख होनी चाहिए। राशन कार्ड बनवाने के लिए तहसील से जारी आय प्रमाण पत्र भी लगता है। इस प्रक्रिया के के बाद भी आखिरकार अपात्रों के राशन कार्ड कैसे बन जाते है, यह तो विभागीय अफसर ही बता सकते हैं।

वर्जन

शासन द्वारा सूची भेजी गई है, जो आयकरदाता होते हुए भी राशन ले रहे हैं। ऐसे लोगों की जांच कर उनके राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगें। शासन के निर्देशानुसार ही ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी.

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